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कोर्ट ने उम्र कैद की सजा पाए हत्यारे पति को राहत देने से किया इंकार

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Oct 29, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा : हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने विदिशा जिला न्यायालय से उम्र कैद की सजा पाए हत्यारे पति को राहत देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट में आरोपी पति यह साबित करने में असफल रहा कि उसने अपनी पत्नी की हत्या नहीं की है और सीढ़ियों से गिरकर उसकी पत्नी हादसे का शिकार हुई है। 

2006 में हुई थी पत्नी की मौत
दरअसल विदिशा शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में 4 अक्टूबर 2006 को बाबूलाल की पत्नी कुसुमा बाई की मौत हो गई थी। बाबूलाल अपनी पत्नी को अस्पताल में बेहद गंभीर हालत में लेकर पहुंचा था लेकिन वह इलाज शुरू होते ही वहां से भाग खड़ा हुआ। इस मामले में बाबूलाल के खिलाफ 302 का मामला दर्ज हुआ था बाद में उसके खिलाफ चालान पेश किया गया। विदिशा जिला न्यायालय ने बाबूलाल को उम्र कैद की सजा से दंडित किया। जिसके खिलाफ बाबूलाल ने हाई कोर्ट में आपराधिक अपील दायर की और कहा कि पत्नी की मौत हादसे में हुई है ना कि उसने कुसमा देवी की हत्या की है। 

आरोपी ने की पत्नी की हत्या
इस मामले में सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि बेलन से 20 गंभीर चोट पहुंचाकर बाबूलाल ने अपनी पत्नी कुसुमा की हत्या की थी। डॉक्टर की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि कर रही थी कि सीढ़ियों से गिरकर कुसमा को 20 गंभीर चोटें नहीं आ सकती हैं वहीं कोई भी पति गंभीर रूप से घायल अपनी पत्नी को अस्पताल में लावारिस की तरह छोड़कर नहीं जा सकता।पत्नी के चरित्र पर शक के चलते बाबूलाल आए दिन उस पर जुल्म किया करता था। हाईकोर्ट ने डॉक्टर की रिपोर्ट को महत्वपूर्ण साक्ष्य माना और आरोपी को राहत देने से इंकार कर दिया।