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ग्वालियरः नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराए गए युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

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Jun 24, 2019

सुनील वर्मा- ग्वालियर में चल रहे नशा मुक्ति केंद्र एक बार फिर से सवालों के घेरे में नजर आ रहे हैं। ऐसे ही एक नशा मुक्ति केंद्र में 3 दिन पहले भर्ती कराए गए एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने नशा मुक्ति केंद्र संचालकों पर मारपीट का आरोप लगाया है। फिलहाल पुलिस में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों द्वारा युवक के साथ मारपीट करने का हुआ खुलासा

जानकारी के मुताबिक 19 जून को नशे के आदी इमरान को उसके परिजनों ने बहोड़ापुर इलाके के सागर ताल चौराहे पर स्थित न्यू लाइफ नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। भर्ती कराने के दूसरे दिन 20 जून को इमरान की पत्नी उससे मिलने पहुंची थी। उस समय सब कुछ ठीक-ठाक था, लेकिन दो दिन बाद अचानक नशा मुक्ति केंद्र के संचालक युवक इमरान को संदिग्ध हालत में लेकर जयारोग्य अस्पताल के ट्रामा सेंटर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने इमरान की नब्ज देखकर उसे मृत घोषित कर दिया। इस दौरान इमरान के परिजन भी ट्रामा सेंटर पर पहुंच गए थे और इमरान को मृत देख उन्होंने न्यू लाइफ नशा मुक्ति केंद्र से इलाज कराने आए दूसरे युवक को पकड़ लिया। जिसके बाद युवक ने खुलासा किया कि नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों ने इमरान के साथ मारपीट की थी। मृतक इमरान के परिजनों ने उसकी मौत के लिए नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों पर अत्याचार का आरोप लगाया है।

ऐसे नशा मुक्ति केन्द्रों पर विशेष कार्यवाही करने की है आवश्यकता

बहोड़ापुर थाना के जांच अधिकारी लियाकत अली खान का कहना है कि जैसे ही युवक इमरान की मौत के बाद हंगामे की खबर पुलिस को लगी वैसे ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और पूरे मामले की प्रारंभिक जांच पड़ताल शुरू की। जिसके बाद इमरान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले में जांच करने की बात कह रही है। पुलिस का कहना है कि जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आती है, उसके बाद ही नशा मुक्ति केंद्र पर कोई कार्रवाई की जा सकेगी।

शहर की हद में करीब एक दर्जन से ज्यादा प्राइवेट तौर पर नशा मुक्ति केंद्र संचालित किए जाते हैं और ऐसा नहीं है कि पहली बार ही किसी नशा मुक्ति केंद्र पर किसी युवक की मारपीट  से हुई मौत का आरोप लगा है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन हर बार ऊंची पहुंच और पकड़ के चलते मामले या तो दबा दिए जाते हैं या फिर हल्की-फुल्की कार्रवाई कर मामले को शांत कर दिया जाता है। नशा मुक्ति केंद्र फिर से शुरू हो जाते हैं, ऐसे में इन पर प्रभावी कार्रवाई करने की जरूरत है।