Jun 17, 2019
मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भविष्य में किसी तरह का संकट न आ जाए, इसीलिए सूबे के सीएम कमलनाथ ने एक फार्मूला तैयार किया है, जिसके तहत उन्होंने मुख्य नेताओं के कोटे के मंत्रियों को हटाने की रणनीति बनाई है, ताकि सरकार को समर्थन देने वाले गैर कांग्रेसी विधायकों को मंत्री पद दिया जा सके।
कांग्रेस की सरकार गठबंधन के भरोसे टिकी
प्रदेश में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता निरंतर बयानबाजी करते हुए सरकार को गिराने की बात कह रहे हैं। इसका एक कारण सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों की बीच-बीच में सामने आने वाली नाराजगी भी रहा है।
नेताओं के कोटे के मंत्रियों की संख्या कम करेंगे कमलनाथ
बता दें कि राज्य सरकार में कुल 28 मंत्री हैं। इसमें कमलनाथ कोटे के 10 और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह व पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे से सात-सात मंत्री हैं। विधायकों की तादाद के आधार पद अभी छह सदस्यों को और कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है, मगर कमलनाथ खाली पदों को भरने के स्थान पर नेताओं के कोटे के मंत्रियों की संख्या कम करना चाहते हैं।