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गांधीसागर में आज होगा आयोजित झील महोत्सव!

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Feb 17, 2018

भोपाल : मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर बांध चम्बल नदी पर निर्मित है। यह बाँध घने जंगल के बीच असीम प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण होने के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है। बांध के 19 द्वार हैं। बरसात में अधिक मात्रा में जल की निकासी के लिये जब गेट खोले जाते हैं, तब अत्यंत रमणीक एवं मनोहारी दृश्य देखते बनता है। लगभग 6 दशक पहले इस बांध का निर्माण किया गया था। इसका लोकार्पण 1960 में हुआ था। बांध के निकट एक उद्यान विकसित किया गया है। इसमें चम्बल माता की प्रतिमा स्थापित है जिसके हाथ में धारित कलश से निरंतर जल प्रवाहित होता है।

आपको बता दें कि मंदसौर जिले के पर्यटन स्थल गांधी सागर में 17 से 26 फरवरी को झील महोत्सव आयोजित होगा। पर्यटन राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा 19 फरवरी को दोपहर 12 बजे महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। म.प्र.राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भैमिक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।

महोत्सव का प्रमुख आकर्षण एडवेंचर एक्टिविटीज होंगी। इसमें एरियल एडवेंचर एक्टिविटीज में हॉट एअर बैलून, पैरामोटर्स, पैराग्लाइडिंग, वाल क्लाइम्बिंग, कमांडो नेट एवं रोप ड्रिल की गतिविधियों का आनंद लिया जा सकेगा। पर्यटन विकास परिषद मंदसौर द्वारा आयोजित होने वाले इस महोत्सव में काइट फेस्टिवल कार्निवाल, क्राफ्ट बाजार, फूड बाजार, इवनिंग क्रूज, इवनिंग एन्टरटेन्मेंट में म्यूजिक बैण्ड, लोक संगीत और बैण्ड के साथ-साथ कवि सम्मेलन जैसी प्रमुख गतिविधियाँ होंगी।

झील महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को मंदसौर जिले में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर, सम्राट यशोवर्धन संग्रहालय, श्री नटनागर शोध संस्थान, सौंधनी, सेवा कुंज, लदूना, खेजड़िया भोप की गुफाएँ, दूधाखेड़ी, धर्मराजेश्वर मंदिर, पोला डुंगर एवं हिंगलाजगढ़ का किला महत्वपूर्ण है। महोत्सव में पर्यटक इन दर्शनीय स्थलों का लुत्फ उठा सकते हैं।

गांधी सागर वन क्षेत्र में एक अभ्यारण्य भी है। यहाँ वन्य-प्राणी तेंदुए, रीछ, भेड़िये, सियार, लकड़बग्घे, चिंकारा, मेड़की, नीलगाय, जंगली सुअर, लंगूर, सेही, खरगोश, मोर एवं विलुप्त प्राय गिद्धों की दुर्लभ प्रजातियों को देखा जा सकता है।
पर्यटकों के लिये दर्शनीय स्थल