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म.प्र. हाईकोर्ट ग्वालियर बेंच सहित सभी न्यायालयों में आज वकीलों ने की हड़ताल

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Sep 18, 2018

धर्मेंद्र शर्मा : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच सहित सभी न्यायालयों में आज वकीलों ने हड़ताल कर दी है। वकील अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर आज हड़ताल पर है, जिसमें जजों की जिम्मेदारी तय करने की मांग कर रहे है, तो वहीं सेवानिवृत्ति को बाद जो पद जजों को दिए जाते हैं, उसको लेकर भी कानून बनाने की मांग के साथ-साथ कह रहे है कि जजों को जो पद रिटायर होने के बाद दिए जाते है, वह लालच में कलम प्रभावित करते है। 

इसके साथ ही वकीलों ने आरोप लगाया है कि एडवोकेट एक्ट की धारा 34 की आड़ में न्यायालय बेवजह अधिवक्ताओं के कार्य में हस्तक्षेप कर रहा है। अगर वकील एक दिन न्यायालयीन कार्य से विरत हो जाते हैं तो बड़ा नुकसान हो जाता है। लेकिन न्यायालय की वजह से कितना समय बेकार हो रहा है, उस पर कोई गौर नहीं किया जा रहा। आधे से कम जज वर्तमान में कार्य कर रहे हैं, पद नहीं भर पा रहे हैं। अगर जजों की संख्या पर्याप्त होगी तो लोगों को शीघ्र न्याय मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने एक केस का उदाहरण देते हुए कहा कि 16 साल की जेल काटने के बाद व्यक्ति दोषमुक्त हो रहा है। हाईकोर्ट आदेश जारी कर रही है कि पीड़ित चाहे तो सरकार के खिलाफ केस कर सकता है, लेकिन हाईकोर्ट यह ध्यान नहीं दे रहा है कि जिस जज ने गलत फैसला सुनाया था, उसके खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की जा रही। धारा 34 को समाप्त किया जाना चाहिए।  

वकीलों की ये है मांगे....

·         धारा 34 एडवोकेट एक्ट को समाप्त किया जाए।

·         जजों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।

·         हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति की नियुक्ति के दौरान राज्य अधिवक्ता परिषद से राय लेना व चर्चा भी करना चाहिए।

·         पूर्व कैप्टन हरीश उप्पल, ताम्रकार, प्रवीण पांडे की याचिका में दिए फैसले का पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

·         केन्द्र सरकार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बनाए और वकीलों के हित की नीतियां तैयार करे।