Sep 18, 2018
धर्मेन्द्र शर्मा - ग्वालियर के थाटीपुर गोला का मंदिर और मुरार क्षेत्र में भारत बंद के दौरान हुई हिंसक झड़पों के बाद अब कमजोर तबके के अधिकांश लोगों ने जिला निर्वाचन कार्यालय में आवेदन देकर अपना मतदान केंद्र उन क्षेत्रों से हटाने की अपील की है जहां प्रभावशाली लोगों का खासा दखल है दरअसल एससी एसटी एक्ट के सुप्रीम कोर्ट के संशोधन के बाद 2 अप्रैल को हुई हिंसक झड़पों में तीन लोगों की मौत से अब समाज का निचला तबका उस इलाके में वोट करने से असुरक्षित महसूस कर रहा है।
थाटीपुर क्षेत्र के चैहान धर्मशाला और गल्ला कोठार इलाके में फैली जाति हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि कुछ लोग घायल हो गए थे गल्ला कोठार इलाके में फैली जातीय हिंसा में दीपक और राकेश नामक व्यक्तियों की मौत हो गई थी। भारत बंद के मद्देनजर दो गुटों में हुए संघर्ष के कारण इन लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में राजा चैहान जो चौहान धर्मशाला के पास ही रहता है। उसका गोली चलाते हुए वीडियो वायरल हुआ था। गल्ला कोठार थाटीपुर कबीर कॉलोनी और सुरेश नगर के निचले तबके के उन लोगों ने भाजपा के स्थानीय पार्षद शिवराम जाटव के जरिए जिला निर्वाचन कार्यालय में एक पत्र भिजवाया है। जिसमें उन्होंने अपने मतदान केंद्र 199 जो अभी तक चैहान धर्मशाला में आता है उसे निरस्त कर अपने ही वार्ड यानी कबीर कॉलोनी सुरेश नगर में करने की मांग की है।
लेकिन जिला प्रशासन का कहना है कि मतदाताओं को किसी भी तरह की समस्या नहीं आने दी जाएगी। उनके पास आवेदन जरूर आया है लेकिन 2 अप्रैल के दंगे के मद्देनजर किसी मतदान केंद्र को बदले जाने का प्रस्ताव फिलहाल निर्वाचन आयोग में लंबित नहीं है। हालाकि उन्होंने कहा है कि मतदाता को हरसंभव मदद मुहैया कराई जाएगी।