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एमवाय अस्पताल में समय पर वेंटिलेटर न मिलने से 23 वर्षीय महिला की मौत

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Apr 30, 2019

अज़हर शेख : इंदौर के एमवाय अस्पताल में एक 23 वर्षीय महिला की सिर्फ इसलिए मौत हो गई थी उसे समय पर वेंटिलेटर नहीं मिल पाया। दरअसल खंडवा जिले के सरई गांव के रहने वाले शिव शंकर अपनी पत्नी रानी तिरोले के साथ इंदौर आ रहे थे। रास्ते में चोरल घाट के यहां पीछे से आ रहे ट्रक ने टक्कर मारी जिससे मौके पर ही उनके 2 साल की बच्ची प्रिया की मौत हो गई। 

गंभीर अवस्था में 108 की मदद से महिला को पहुंचाया अस्पताल 
वहीं रानी को गंभीर अवस्था में अस्पताल 108 की मदद से लाया गया। लेकिन 3 घंटे तक गंभीर हालत में महिला को सिर्फ इसलिए स्टेशन पर पटक कर रखा गया क्योंकि एमवाई अस्पताल जो कि प्रदेश का सबसे बड़ा शासकीय अस्पताल है वहां पर वेंटिलेटर नहीं था और परिजन वेंटिलेटर के लगने का इंतजार करते रहे यहां तक कि परिजनों ने यह भी कहा कि यदि अस्पताल में सुविधा नहीं है तो वह अपने परिजन को प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाना चाहते हैं लेकिन कागज पर साइन करने के बहाने वार्ड में मौजूद डॉक्टर और ऑल स्टाफ नर्स एक दूसरे पर बात टालने लगे। 

3 घंटे तक स्ट्रेचर पर इंतजार कर रही महिला की मौत
नतीजा यह निकला कि 3 घंटे तक स्ट्रेचर पर इंतजार कर रही महिला की मौत हो गई और परिजन यही आस लगाए बैठे रहे की महिला को वेंटिलेटर मिल जाएगा और उसे बचा लिया जाएगा। मृतक महिला के पति के मुताबिक एक्सीडेंट होने के बाद जब एमवाई में लाया गया तो उसे खून की बॉटल चढ़ाई गई ड्रेसिंग की गई लेकिन जब कई घंटों तक उसका इलाज नहीं हुआ और बार-बार डॉक्टर से पूछा तो उनका यही कहना था कि अभी इलाज किया जा रहा है लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ गई तब डॉक्टरों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि हॉस्पिटल में वेंटिलेटर नहीं है।

एमवाय अस्पताल की लापरवाही
बता दें कि बावजूद इसके महिला को प्राइवेट हॉस्पिटल इलाज के लिए ले जाने वाले थे लेकिन डॉक्टर और नर्स कागज पर साइन करने के लिए इधर उधर भटकते रहे और उसकी मौत हो गई। यह पहली दफा नहीं है जब एमवाई अस्पताल कि लापरवाही इस तरह सामने आई है। जब इस घटना को लेकर सीएमओ से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने भी यह कह कर पल्ला झाड़ दिया कि आजकल सीएमओ को बात करने की इजाजत नहीं है इन मामलों में सिर्फ अधीक्षक साहब ही कुछ भी वर्जन देते हैं। इस पूरे घटनाक्रम में प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है यदि समय रहते परिजन को प्राइवेट अस्पताल में भी इलाज करने के लिए महिला को ले जाने दिया होता तो शायद आज महिला जिंदा होती या समय रहते एवं अस्पताल में ही महिला को वेंटिलेटर मिल जाता तो तो परेशान होते परिजन  रो रो कर आज एमवाई को नहीं कोस रहे होते।