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पन्ना जिले के सबसे बड़े मेले में रहेगा इस वर्ष भीषण जल संकट

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Mar 27, 2019

पीयूष गुप्ता : पन्ना जिले में नवरात्रि के समय लगने वाले सबसे बड़े मेले में पानी का संकट मड़राने लगा है। सिमरिया तहसील के ग्राम बनोली में कुआँताल का मेला हर वर्ष चैत्र नवरात्रि में लगाया जाता है यह मेला पन्ना जिले का सबसे बड़ा मेला है। यहाँ लगभग 300गांवो के जवारे आते हैं और लगभग लाखों श्रद्धालुओं से यह मेला खचाखच भर जाता है। 

कुआँताल के मेले में भीषण जल संकट होने की संभावना

बता दें कि यहाँ पर स्तिथ प्राचीन तालाब में सभी गांवों के जवारे शिराएं जाते हैं और इसी तालाब का पानी लोगों के पीने के काम भी आता रहा है लेकिन इस वर्ष यह तालाब पूर्ण रूप से सूख चुका है। जिसके कारण इस वर्ष कुआँताल के मेले में भीषण जल संकट होने की संभावना है। वहीं ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग के कर्मचारियों पर तालाब का पानी बेचने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही
पन्ना जिले में चैत्र नवरात्रि के समय में लगने वाले जिले के सबसे बड़े मेले में इस वर्ष भीषण जल संकट होने की संभावना है। क्योंकि ग्राम पंचायत बनौली में लगने वाले इस मेले में जिस तालाब का पानी उपयोग किया जाता था वह तालाब सूख चुका है। जिसके कारण पानी का संकट मेले में मंडराने लगा है। वहीं जब ग्रामीणों से इस विषय पर बात की तो उन्होंने बताया कि यह तालाब आज तक कभी नहीं सूखा है। लेकिन इस वर्ष सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की घोर लापरवाही देखने को मिली है और सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से इस तालाब का पानी किसानों को बेच दिया गया है। जिस वजह से तालाब में पानी नहीं बचा है।

300 गांव के जवारे तालाब में होते थे विसर्जित
चैत्र नवरात्रि में यहां पर लगभग 300 गांव के जवारे आते हैं। और लाखों की संख्या में पन्ना जिले सहित आसपास के जिले के श्रद्धालु भी आते हैं। जिनको जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि इस विषय पर जब पवई एसडीम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि तालाब सूख जाने की वजह से भीषण जल संकट तो है और मेले में पानी की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जब इस तालाब का पानी कभी सूखा नहीं है। तालाब में पर्याप्त पानी मौजूद था तो इस पर पहले क्यों नहीं अंकुश लगाया गया।

ग्रामीणों के मुताबिक
ग्रामीणों का कहना है कि हमने अधिकारियों को अवगत करवाया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की घोर लापरवाही देखने को मिली है और सिंचाई विभाग के कर्मचारी की मिलीभगत से इस तालाब का पानी किसानों को भेज दिया गया है।