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राजगढ़ में हुआ पीओपी का बहिष्कार, पर्यावरण के लिए मिट्टी की मूर्ति खरीद रहे हैं समिति के लोग...

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Sep 2, 2019

राजेंद्र शर्मा : मध्यप्रदेश के राजगढ़ शहर में गणेश उत्सव के दौरान गणेश भगवान की मूर्ति और आने वाले दिनों में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की मूर्तियों को लेकर इस बार राजगढ़ शहर में पांडाल बनाने वाले समितियां पर्यावरण को लेकर काफी संवेदनशील दिखी और उन्होंने निर्णय लिया कि वे इस बार अपने पंडालों में मिट्टी से बनी मूर्तियों को ही स्थापित करेंगे और पर्यावरण को होने वाले पीओपी के नुकसान से बचाएंगे।

पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं मूर्तियां
जहां आज पूरा देश भगवान गणेश के आगमन का उत्सव बना रहा है और गणेश चतुर्थी के इस शुभ दिन पर हर कोई अपने घर पर गणेश भगवान की मूर्तियां लाकर उन्हें स्थापित कर रहा है और आने वाले दिनों में लगा था उनकी पूजन करेगा। परंतु जब इन मूर्तियों का विसर्जन जल में किया जाता है। तो पीओपी से बनी मूर्तियां जल को काफी प्रदूषित करती है और यह पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक होती है। इसी को देखते हुए राजगढ़ जिले के अधिकतर पंडाल बनाने वाली समितियों ने निर्णय लिया कि वह इस बार सिर्फ मिट्टी से बनी मूर्तियां ही अपने पंडाल में स्थापित करेंगे और पर्यावरण के संरक्षण में अपना एक छोटा सा योगदान देंगे।

मिट्टी की मूर्तियां पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है...
वहीं सालों से मिट्टी की मूर्तियां बनाते आ रहे हैं राजेश कुमार दशेरिया बताते हैं कि वह सालों से मिट्टी की मूर्तियां बनाते आ रहे हैं, क्योंकि मिट्टी की मूर्तियां पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती है। वहीं इस बार उनकी मूर्तियों की डिमांड काफी बढ़ गई है। क्योंकि लोग पर्यावरण के प्रति काफी सजग है मैं इस बार मिट्टी की बनी मूर्तियां खरीद कर ले जा रहे हैं और उन्होंने बताया कि पीओपी की बनी मूर्तियां सस्ती तो होती है परंतु में पर्यावरण के लिए हानिकारक होती है। जिससे मैं उनको बनाना पसंद नहीं करते हैं।

समिति सदस्य के मुताबिक
वहीं मूर्ति खरीदने आए अनिल मेवाड़ा पारायण चौक समिति के सदस्य बताते हैं कि वह इस बार अपनी समिति के पांडाल में मिट्टी की बनी मूर्ति स्थापित करेंगे क्योंकि पीओपी की बनी मूर्ति जल में आसानी से गलती नहीं है और वह नदी को काफी नुकसान पहुंचाती है। वहीं मिट्टी की बनी मूर्ति नदी में आसानी से घुल जाती है और उसका नदी के पानी में ज्यादा असर नहीं होता है। वही जब उनसे पूछा गया कि पीओपी की बनी मूर्ति तो सस्ती होती है तो उन्होंने कहा कि सस्ती अगर हानिकारक हो तो उसे लेकर क्या फायदा।