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क्षेत्र के बुनकरों पर मंडरा रहा रोजी रोटी का संकट, बन्द होने के कगार पर है हथकरघा व्यवसाय

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Dec 9, 2019

दिनेश धरपुरे : सौसर क्षेत्र में बुनकर समाज के परंपरागत व्यवसाय हथकरघा पर अब ग्रहण लग चुका है। विकसित नई तकनीकों व प्रशासन की उदासीनता से यह व्यवसाय विलुप्तता की कगार पर है। पहले समय में इस व्यवसाय का अधिक वर्चस्व होने से यहां के बुनकर समाज के अधिकांश लोग सम्पन्न हुआ करते थे और इनके रोजगार का यह एकमात्र जरिया हुआ करता था, किन्तु तकनीकी विकास के कारण धीरे धीरे यह व्यवसाय मशीनों में परिवर्तित होता गया और इससे जुड़े लोगों के व्यवसाय धीरे धीरे कम होने।लगे,कुछ लोग समय के साथ परिवतिर्त होते रहे , वे लोग आज भी इस व्यवसाय को जिंदा रखने में कामियाब है, पहले इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का खुद मालिक होते थे किंतु अब यह रोजी रोटी चलाने का रोज मज़दूरी  साधन बना हुआ है, जिसमें कच्चा माल ठेकेदार द्वारा दिया जाता है,और यह लोग इसका कपड़ा बना कर  देते हैं, जिसके एवज में इन्हें मानदेय दिया जाता है।

शासन ने भी बुनकरों के आर्थिक व सामाजिक विकास के।लिए हाथकरघा विकास निगम बनाया हैं जो शासन द्वारा संचालित है, और बुनकरों को इस रोजगार से जोड़ने व शासन की विविध योजनाओ  के लाभ पहुचाने के लिए है। किंतु विभाग भी बुनकरों के परंपरागत व्यवसाय को आगे बढ़ाने व बुनकरों के उत्तान में सफल नजर नही आ रहा है। इस व्यवसाय से जुड़े लोग भी अब पलायन करते नजर आ रहे है। इस क्षेत्र में हाथ से बनी जनता,चंदेरी, महेश्वर सहित कई कपड़ो का निर्माण किया जाता है, जो अब धीरे धीरे विलुप्तता की कगार पर है। जल्द ही शासन ने इस और ध्यान नही दिया तो यह व्यवसाय मात्र इतिहास के पन्नो पर रह जायेंगा।