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अब जयारोग्य अस्पताल में सस्ते इलाज के साथ मरीजों को मिलेगा सस्ती दर पर राशन

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Dec 23, 2019

विनोद शर्मा : ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य में सस्ते इलाज के साथ अब मरीजों को सस्ती दर पर राशन भी मिलेगा। कोर्ट के आदेश पर जेएएच प्रबंधन अस्पताल परिसर में शासकीय राशन की दुकान खुलवाने जा रहा है। प्रबंधन ने दुकान खोलने के लिए फूड कंट्रोलर व कलेक्टर को पत्र लिखा है। इसके लिए एक दुकान आरक्षित भी कर दी गई है। इसके अलावा मरीजों को 24 घंटे निशुल्क दवा मिलेगी, इसके लिए कैजुअल्टी में दवा वितरण केंद्र शुरू किया जाएगा। जनवरी में इन सुविधाओं के शुरू होने की उम्मीद है।

जेएएच में फिलहाल ओपीडी के समय ही मरीजों को निशुल्क दवा दी जाती है। इसके बाद भर्ती मरीज को वार्ड में दवा उपलब्ध होती है। लेकिन जो मरीज असमय इलाज लेने पहुंचते हैं और भर्ती भी नहीं होते, उन्हें परिसर से बाहर जाकर महंगी कीमत पर दवा खरीदनी पड़ती है।मोहनी सिंह बनाम मप्र शासन के मामले में न्यायालय ने जेएएच प्रबंधन को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जेएएच प्रबंधन को 16 बिन्दुओं की पूर्ति कर जनवरी माह में कोर्ट के समक्ष जवाब प्रस्तुत करना है। जिसमें मरीजों के लिए सस्ती दरों पर राशन और 24 घंटे निशुल्क दवा का बिंदु भी शामिल है। मरीजों को राशन किस तरह वितरित किया जाएगा, इसके नियम फूड विभाग तय करेगा। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि भर्ती पर्चे पर राशन उपलब्ध करवाया जाएगा।

करीब 1300 मरीजों को मिलेगा लाभ-

जेएएच व केआरएच में कुल 1250 बैड पर हर समय करीब 1300 से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं। साथ ही हर दिन 200 से 250 मरीज भर्ती होते हैं। जिसको ध्यान में रखते हुए मोहनी सिंह की याचिका पर न्यायालय ने हाल ही में आदेश जारी किया है। इसके लिए अमृत दवा वितरण केन्द्र के पास की दुकान भी दवा केंद्र के लिए आरक्षित कर दी गई है।


तीन राज्यों के मरीज होते हैं भर्ती-

जेएएच में अंचल के साथ दूरदराज से भी मरीज आते हैं। जैसे ग्वालियर-चंबल संभाग, इटावा, औरैया, जालौन, झांसी, ललितपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, धौलपुर, राजस्थान के कई शहरों से लोग आकर यहां पर इलाज लेते हैं। गांव देहात से आने वाले मरीजों को खाने के लिए भटकना पड़ता है। हालांकि कुछ एनजीओ और दानदाता मरीज व उनके अटेंडेंटों के लिए अस्पताल में निशुल्क भोजन उपलब्ध करवाते हैं। पर यह सुविधा केवल दिन में ही मिल पाती है, शाम के समय मरीजों को खुद ही भोजन की व्यवस्था करनी पड़ती है।