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कुलभूषण जाधव की फांसी पर आईसीजे आज सुनाएगा फैसला

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May 18, 2017

नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव की फांसी पर अतरराष्ट्रीय कोर्ट(आईसीजे) में भारत और पाकिस्तान की दलीलें सुनने के बाद अदालत आज इस पर फैसला सुनाएगी। कोर्ट के इस फैसले पर पूरे देश और दुनियां की नजरें टिकीं हुई हैं। लोग दुआएं कर रहे हैं कि यह फैसला भारत के पक्ष में आए। कोर्ट गुरुवार को भारतीय समय के अनुसार दोपहर 3.30 बजे फैसला सुनाएगी। इस बात की उम्मीद की जा रही है कि यह फैसला भारत के पक्ष में आ सकता है। पाकिस्तान ने आईसीजे में सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें रखते हुए कहा कि कुलभूषण जाधव को ब्लूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया है और वह इस लायक नहीं है कि उसका कांसुलर एक्सेस दिया जाए। पाकिस्तान ने आगे कहा कि जाधव मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत के दायरे में नहीं आता है क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।

जबकि, भारत ने सबसे पहले जिरह करते हुए केस में अपनी तरफ से तथ्यों को सामने रखते हुए कुलभूषण जाधव केस को विएना संधि का सरासर उल्लंघन करार दिया। अब पाकिस्तान जाधव मामले में अपनी दलीलें पेश करेगा। दोनों पक्षों को 90 मिनट का समय दिया गया है। इंटरनेशनल कोर्ट के सामने भारत की तरफ से केस का प्रतिनिधित्व कर रहे दीपक मित्तल ने जाधव पर लगे आरोपों को ‘मनगढ़ंत’ और पूरी ट्रायल को ‘हास्यास्पद’ करार दिया। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार सबसे आधारभूत चीज है लेकिन पाकिस्तान ने जाधव केस में इसकी धज्जियां उड़ा कर रख दी है और जितनी भी बार उससे कांसुलर एक्सेस की मांग की गई उसने अनसुना कर दिया।

उन्होंने कहा कि वियना संधि के तहत कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को पकड़ा जाता है, तो दोनों देशों में उसे राजनियक नियमों के तहत मदद मिलेगी, इसका उल्लेख आर्टिकल 36 में भी हुआ है। भारत किसी अन्य देश की न्यायिक व्यवस्था में हस्तेक्षेप नहीं कर रहा है, हम सिर्फ अंतरराष्ट्रीय नियमों की बात कर रहे हैं। पाकिस्तान को नियमों का पालन करना ही होगा।

भारत की तरफ से नीदरलैंड स्थित हेग कोर्ट में जाधव केस की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता है कि कहां पर जाधव के लिए दया याचिका लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि पूर्व भारतीय नेवी ऑफिसर कुलभूषण जाधव को इरान से किडनैप किया गया और उसके बाद जो उसका कबूलनामा सामने आया वह संदेहास्पद है क्योंकि ये सब पाकिस्तानी सेना की हिरासत में हुआ है। हरीश साल्वे ने कहा कि किसी भी केस में मानवाधिकार उसकी बुनियाद होता है। लेकिन, जाधव मामले में मानवाधिकार की पाकिस्तान ने धज्जियां उड़ा दी। हालत ये रही कि मिलिट्री कोर्ट द्वारा ट्रायल के दौरान कुलभूषण को अपने बचाव में वकील देने से मना कर दिया गया।

साल्वे ने कहा कि वर्तमान स्थिति बड़ी चिंताजनक हो चुकी है जिसके चलते भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के सामने इस मामले को लेकर इंसाफ की गुहार लगाई है। आईसीजे में उन्होंने आगे कहा कि भारत ने पाकिस्तान के सामने जाधव के लिए कई बार कांसुलर एक्सेस की मांग की लेकिन पाकिस्तान ने लगातार भारत की इन मांगों को मानने से इनकार कर दिया।

हरीश साल्वे ने आगे कहा कि जाधव को अपने बचाव के अधिकार से वंचित किया गया। जाधव के माता-पिता ने जब पाकिस्तान से वीजा के लिए आवेदन लगाय उस पर भी कोई जवाब नहीं दिया गया। इससे पहले भारत और पाकिस्तान दोनों ही देश आज से करीब 18 साल पहले संयुक्त राष्ट्र की इस न्यायिक अदालत के आमने-सामने आए थे।  यह घटना 1999 की थी जब जब पाकिस्तान ने उसके नौसैनिक विमान को मार गिराए जाने के मामले में हस्तक्षेप का अंतरराष्ट्रीय अदालत से आग्रह किया था। मामले की सुनवाई नीदरलैंड (हॉलैंड) के शहर हेग में स्थित पीस पैलेस के ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस में हुई। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय अदालत में 11 सदस्यी जजों की बेंच जाधव केस की सुनवाई की थी। भारत की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अपना पक्ष रखा जबकि पाकिस्तान की तरफ से विदेश सचिव तहमीना जांजुआ पक्ष रखने के लिए वहां पहुंची हैं। पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में उन्हें एक साल से भी अधिक समय से हिरासत में रखा है। कुलभूषण जाधव को 10 अप्रैल को फांसी की सजा सुनाई गई थी। पाकिस्तान ने जाधव को 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था।