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राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज, प्रणव से मिले भागवत

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Jun 17, 2017

नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विभिन्न दलों में बढ़ी सरगर्मियों के बीच उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस बढ़ता ही जा रहा है। जहां कई नामों पर अटकलबाजी जारी है, वहीं अधिकतर पार्टियां सामने से किसी का नाम सुझाने से बचती नजर आ रही हैं। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीजेपी की ओर से गठित टीम ने शुक्रवार को कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की। हालांकि, इससे कोई नतीजा नहीं निकला। उधर, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने पहुंचे, जिससे अटकलबाजी तेज हो गई। अब सबकी नजरें रविवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुलाकात पर है। शिवसेना आरएसएस चीफ को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने की दिशा में विचार कर रही है। दूसरी ओर, एआईएडीएमके भी बीजेपी के समर्थन में आ खड़ी हुई है।

भागवत-मुखर्जी की मुलाकात पर अटकलें 
राष्ट्रपति मुखर्जी और आरएसएस चीफ की शुक्रवार को हुई मुलाकात के बारे में सूत्रों को कहना है कि यह पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक था और इसका कोई राजनीतिक पहलू नहीं है। हालांकि, ऐन राष्ट्रपति चुनाव से पहले इस मुलाकात की टाइमिंग की वजह से राजनीतिक अटकलबाजी का दौर शुरू हो गया। भागवत संघ से जुड़े एक कार्यक्रम के सिलसिले में रूद्रपुर में थे, जहां से वह राष्ट्रपति से मिलने दिल्ली पहुंचे थे। भागवत जहां राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की अटकलों को खारिज करते रहे हैं, वहीं राष्ट्रपति मुखर्जी भी कह चुके हैं कि उन्हें दूसरे कार्यकाल में कोई दिलचस्पी नहीं है।

शिवसेना ने कहा, भागवत नहीं तो स्वामीनाथन 
बीजेपी अध्यक्ष शाह का तीन दिवसीय मुंबई दौरा शुक्रवार को शुरू हुआ। वह रविवार को बांद्रा स्थित ठाकरे के आवास 'मातोश्री' पर शिवसेना प्रमुख से मुलाकात करेंगे। हालांकि, इस मुलाकात से पहले उद्धव ने कहा, 'सेना का रुख साफ है। हम चाहते हैं कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत राष्ट्रपति बनें। अगर किसी को उनसे कोई समस्या है तो एमएस स्वामीनाथन को राष्ट्रपति होना चाहिए।' शिवसेना प्रमुख के मुताबिक, स्वामीनाथन ने किसानों के लिए जो किया है, उसी वजह से उनके बारे में शिवसेना विचार कर रही है। उद्धव ने कहा, 'अगर किसानों को आत्महत्या के अलावा किसी दूसरे विकल्प की आवश्यकता है तो स्वामीनाथन को राष्ट्रपति बनाना चाहिए क्योंकि वही किसानों की मदद कर सकते हैं।'

शिवसेना भी नहीं खोल नही पत्ते 
बता दें कि पूरे देश के किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकारों को स्वामीनाथन कमिटी की सिफारिशों को लागू कर देना चाहिए। उधर, शिवसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि वह शाह से राष्ट्रपति उम्मीदवार के विकल्पों के बारे में सुनना चाहते हैं। हालांकि, उनकी निजी राय है कि राष्ट्रपति चुनाव निर्विरोध होना चाहिए। बता दें कि महाराष्ट्र बीजेपी के कुछ नेताओं का मानना है कि शिवसेना जानबूझकर तस्वीर साफ नहीं कर रही और वह बीजेपी कैंडिडेट का समर्थन करने वाली नहीं है। बता दें कि 2007 के राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना ने एनडीए के उम्मीदवार भैरो सिंह शेखावत की जगह यूपीए की प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था। 2012 में भी एनडीए कैंडिडेट पीए संगमा की जगह यूपीए कैंडिडेट प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था।

दक्षिण भारत से मिलेगा बीजेपी को समर्थन? 
लोकसभा के डेप्युटी स्पीकर एम थंबीदुराई ने शुक्रवार को वेंकैया नायडू से बातचीत की। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान उन्होंने बीजेपी को समर्थन देने के एआईएडीएमके के फैसले की जानकारी दी। माना जा रहा है कि सीएम पलनिसामी जल्द ही औपचारिक ऐलान भी कर देंगे। बता दें कि जयललिता की मौत के बाद से ही तमिलनाडु की सरकार केंद्र के साथ बेहतर रिश्ते कायम करने की कवायद में जुटी हुई है। उधर, केंद्रीय राज्य मंत्री पोन राधाकृष्णन ने कहा, 'हम सभी तमिलनाडु की पार्टियों से अपील कर रहे हैं कि वे राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी को समर्थन दें।'