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डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को कट्टर देशभक्त के रूप में याद किया जाता है : यूपी राज्यपाल

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Jun 23, 2018

प्रखर राष्ट्रवादी और कट्टर देशभक्त डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर 23 जून को यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने सिविल अस्पताल में स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें याद किया। इस अवसर पर सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता व कानून मंत्री बृजेश पाठक मंत्री स्वाति सिंह मंत्री महेंद्र सिंह महापौर संयुक्ता भाटिया मौजूद रहे। डाॅ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस शहर के विभिन्न जगहों पर मनाया गया।

भारतीय जनसंघ के संस्थापक 
राज्यपाल राम नाईक ने डाॅ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह एक महान शिक्षाविद और चिन्तक होने के साथ-साथ भारतीय जनसंघ के संस्थापक भी थे। उन्हें आज भी एक प्रखर राष्ट्रवादी और कट्टर देशभक्त के रूप में याद किया जाता है। डाॅ. मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांतों के पक्के इंसान थे।

भारतवासियों के आदर्श और पथप्रदर्शक
उन्होंने संसद में दिए अपने भाषण में उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा था कि राष्ट्रीय एकता के धरातल पर ही सुनहरे भविष्य की नींव रखी जा सकती है। भारतीय इतिहास में उनकी छवि एक कर्मठ और जुझारू व्यक्तित्व वाले ऐसे इंसान की है जो अपनी मृत्यु के इतने वर्षों बाद भी अनेक भारतवासियों के आदर्श और पथप्रदर्शक हैं।

आज भी मुखर्जी एक प्रखर राष्ट्रवादी के रूप में याद किए जाते हैं
बता दें डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 में हुअा था। उनके पिता सर आशुतोष मुखर्जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे एवं शिक्षाविद् के रूप में विख्यात थे। डाॅ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक किया तथा 1921 में बी.ए.की उपाधि प्राप्त की। 1923 में लॉ की उपाधि अर्जित करने के पश्चात वे विदेश चले गये और 1926 में इंग्लैण्ड से बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। 33 वर्ष की अल्पायु में ही उनकी 23 जून 1953 को मृत्यु हो गई थी। उन्हें आज भी एक प्रखर राष्ट्रवादी और कट्टर देशभक्त के रूप में याद किया जाता है।