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स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, अमानक स्तर की दवाओं का हो रहा इस्तेमाल!

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Feb 17, 2018

छत्तीसगढ़। आपको बता दें कि दवाईयों की सप्लाई के मामले में छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य महकमे की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इसका खुलासा प्रदेश के अलग अलग प्रयोगशालाओं में जांच के बाद दवाईयों का स्तर अमानक पाये जाने पर हुआ है। लेकिन बावजूद वेयर हाउस के माध्यम से इन दवाईयों का सप्लाई जारी रहा और इसका भी इस्तेमाल कई मरीज करते रहे है। 

गनीमत रही कि अब तक किसी भी मरीज को नुकसान नही हुआ है। मामला लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा है इसीलिए यह बेहद गंभीर भी है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर के गृह जिले धमतरी में दवाईयों के सैंपल अमानक पाए जाने पर स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। वहीं आनन फानन में बचे हुए दवाईयों को कांकेर डिपो को वापस कर दिया गया है। 

वही इस मामले में कांग्रेसी इसे मरीजो की जान के साथ खिलवाड करने सहित भष्ट्राचार किए जाने का आरोप लगा रहे है। दरअसल छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड ने कांकेर वेयर हाउस से कांकेर, कोंडागांव और नारायणपुर सहित धमतरी जिले में दवाइयां सप्लाई की गई थी। जिसमें डिक्लोफेनेक इंजेक्शन, एस्प्रिन और रेनिटिडिन टैबलेट शामिल है। 

बताया जा रहा है कि अमानक होने की जानकारी के बाद इन दवाईयों को औषधि परीक्षण प्रयोगशाला कालीबाड़ी रायपुर में जांच कराया गया। जहां इन दवाईयों को अमानक स्तर का पाया गया। लेकिन बावजूद इसके कई अस्पतालों में दवाईयां सप्लाईयां जारी रही। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर प्रदेश सरकार लोगो की जान को लेकर कितना संजीदा है। वही इस लापरवाही से मरीजों की जान चली जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता। 

बहरहाल कांग्रेसी नेता इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य मंत्री के उपर सवाल उठा रहे है। कांग्रेसी नेताओं की माने तो सरकार को लोगो की जान की कोई परवाह नही है। और कांग्रेसी नेता इस पूरे मामले पर दोषियों के उपर कडी कार्रवाई की मांग कर रहे है। तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य महकमे के अफसर अमानक दवाईयो को कांकेर डिपो मे वापस भेज दिए जाने की बात कह रहे है। और किसी मरीज को नुकसान नही होने का हवाला दे रहे है।