Feb 1, 2020
नई दिल्लीः इंडियन कोस्ट गार्ड 1 फरवरी यानी शनिवार को अपना स्थापना दिवस मना रहा है। इंडियन कोस्ट गार्ड भारत का एक सशस्त्र बल है जो समुद्री हितों की रक्षा करता है और समुद्री कानून को लागू करता है। जहां इंडियन कोस्ट गार्ड का नेतृत्व एक महानिदेशक, भारतीय नौसेना के वाइस-एडमिरल रैंक का अधिकारी करता है। वहीं महानिदेशक को अन्य अधिकारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है जो विभिन्न कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के लिए जिम्मेदार होते हैं। इंडियन कोस्ट गार्ड औपचारिक रूप से 18 अगस्त, 1978 को कोस्ट गार्ड एक्ट, 1978 द्वारा भारत की संसद के स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में स्थापित किया गया था।
इंडियन कोस्ट गार्ड के कार्य
- कोस्ट गार्ड भारतीय नौसेना, मत्स्य विभाग, राजस्व विभाग (सीमा शुल्क) और केंद्र और राज्य पुलिस बलों के साथ घनिष्ठ सहयोग में काम करता है।
- भारत का 7516।60 किलोमीटर का समुद्र तट विभिन्न राज्यों और कुछ व्यस्ततम व्यापारिक मार्गों के किलोमीटर तट को घेरता है।
- कोस्ट गार्ड इंडियन नेवी, डिपार्टमेंट ऑफ फिशरी, डिपार्टमेंट ऑफ रिवेन्यू और केंद्र और राज्य पुलिस बलों के साथ घनिष्ठ सहयोग के साथ काम करता है।
- इंडियन कोस्ट गार्ड द्वारा गैर-सैन्य समुद्री सेवाएं प्रदान करने के लिए भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना पहली बार की गई थी।
- तीन सैन्य सेवाओं में अपने समकक्षों के विपरीत, भारतीय तटरक्षक बल 60 वर्ष की आयु तक सेवा कर सकते हैं।
- इंडियन कोस्ट गार्ड के जहाज इंडियन नेवी के जहाज से अलग होते हैं।
- इंडियन कोस्ट गार्ड मछुआरों की सुरक्षा करता है। पानी में मछली पकड़ने वाले विदेशी मछुआरों की जांच करना भी इसका कर्तव्य है।
- वे यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे समुद्र सुरक्षित हैं। वे इस पर गौर करते हैं कि हमारे समुद्रों में कोई गैरकानूनी गतिविधियां ना हो।
- इंडियन कोस्ट गार्ड समुद्री पर्यावरण की भी रक्षा करता है। वे समुद्री प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण सुनिश्चित करते हुए समुद्री पर्यावरण के संरक्षण को ध्यान में रखते हैं।
- वे समुद्र में जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के उपायों के मामलों को भी देखते हैं। वे वैज्ञानिक डेटा भी एकत्र करते हैं।
- भारतीय तट रक्षक के लगभग हर सदस्य को अपनी सेवा के दौरान कुछ विदेशी देशों का दौरा करने को मिलता है।