Loading...
अभी-अभी:

हंदवाड़ा एनकाउंटर, देश के लिए कुर्बान होना सम्मान की बात –शहीद कर्नल शर्मा की पत्नी

image

May 4, 2020

नई दिल्ली: हंदवाड़ा एनकाउंटर में शनिवार रात को सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा समेत 5 जवान शहीद हो गए। कर्नल शर्मा की पत्नी ने कहा, ‘मुझे गर्व है कि पति देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए। उनकी शहादत पर आंसू नहीं बहाऊंगी। देश के लिए कुर्बान होना सम्मान की बात है, यह उनका फैसला था, इसका पूरा सम्मान करूंगी।’ वहीं, उनकी बेटी बोली कि आखिरी बार 1 मई को पापा से बात हुई तो उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन खत्म कर घर लौटूंगा। पत्नी पल्लवी ने बताया कि वर्दी ही आशुतोष का सपना थी और उनका संसार। उन्हें उसी पर गुमान था।

कर्नल आशुतोष शर्मा यूपी के बुलंदशहर के रहने वाले हैं। पल्लवी ने कहा, ‘आखिरी बार 1 मई को आशुतोष से बात हुई थी। तब मैंने 21 आरआर की 26वीं वर्षगांठ पर विश करने के लिए उन्हें फोन किया था। उसके बाद वह ऑपरेशन में चले गए थे। उन्होंने सरहद में घुसे आतांकियों के खिलाफ जो कुछ भी किया वो उनका फैसला था। मैं और मेरा पूरा परिवार उनके फैसले का सम्मान करता है और पूरे देश को भी यही करना चाहिए। वे हमेशा कहते थे कि ये देश ही उनका परिवार है और इसकी सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी। अपने इसी ध्येय और वीरता को उन्होंने निभाया।

हंदवाड़ा एनकाउंटर में इन्होंने भी दिया बलिदान

हंदवाड़ा एनकाउंटर में इनकी शहादत को देश नहीं भूलेगा। किसी की हुई नई शादी तो कोई था इकलौता चिराग। मेजर अनुज सूद की 4 महीने पहले शादी हुई थी। इनके पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद ने ट्वीट किया, अनुज ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। यह उसकी ड्यूटी और जो उसे प्रशिक्षण दिया गया था, का हिस्सा था। मैं केवल उसकी पत्नी को लेकर दुखी हूं। सरदूलगढ़ के गांव राजराणा निवासी राजेश कुमार भी इस हमले में शहीद हो गए। इस खबर को सुनते ही उनके गांव में शोक की लहर फैल गई। राजेश 7 साल पहले फौज में भर्ती हुए थे। परिवार में माता-पिता, दो भाई और दो बहनें हैं। भनोली तहसील के मिरगांव निवासी लांसनायक दिनेश सिंह के शहीद होने की खबर मिलते ही घर में मातम पसर गया। मां तुलसी देवी बेसुध हो गईं तो पिता गोधन सिंह नि:शब्द। सब इंस्पेक्टर सगीर अहमद काजी आतंकियों के लिए काल से कम नहीं थे। उनको तीन आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिली और वह कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। उनका अपना एक नेटवर्क था। वह जम्मू-कश्मीर पुलिस के आतंक विरोधी दल एसओजी का अहम हिस्सा रहे।