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दोषी साबित हुए लोगों को सरेआम फांसी दे देनी चाहिए - मंत्री माइकल लोबो

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Dec 7, 2019

गोवाः शनिवार को गोवा के मंत्री माइकल लोबो ने मांग की कि महिलाओं के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाने और समाज में एक मजबूत संदेश भेजने के लिए बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी साबित हुए लोगों को सरेआम फांसी दे देनी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से ऐसे अपराधियों की सार्वजनिक फांसी देने के लिए कानून में संशोधन लाने का भी आग्रह किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने हैदराबाद के पशु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या मामले के सभी चार आरोपी शुक्रवार अल सुबह पुलिस के साथ ‘मुठभेड़’ में मारे जाने के एक दिन बाद यह मांग की। गोवा के पत्तन मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बलात्कार और हत्या के दोषियों के लिए सार्वजनिक फांसी की सजा के प्रावधान करने के उद्देश्य से संसद में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में आवश्यक संशोधन करना चाहिए।'

एक और बेटी ने तोड़ा दम

उन्नाव की बेटी ने आखिर दम तोड़ दिया। वह जीना चाहती थी। अपने भाई से लिपटकर उसने कहा था, वो जीना चाहती है। वह बार-बार पूछती थी कि वह बच तो जाएगी ना, मगर जिंदगी मौत से हार गई। उन्नाव की रेप पीड़िता ने आखिर दम तोड़ दिया। उन्नाव की बेटी नहीं रही। उन्नाव की बेटी की मौत के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए? उन नरपशुओं ने उसे दो बार मारा। पहली बार अपने साथियों के साथ गैंग रेप करके और दूसरी बार जमानत पर छूटने के बाद उसे जिंदा जला कर। क्या कहा जाए इसे नरपशुओं की दरिंदगी? या फिर सिस्टम की कमजोरी? जिसके कारण वह जेल से जमानत पर बाहर आ गया।

एक बार फिर सिस्टम में सुधार की मांग होगी

खैर एक बार फिर लोग कैंडल लेकर सड़कों पर उतरेंगे। एक बार फिर जिंदाबाद मुर्दाबाद का शोर गूंजेगा। एक बार फिर सारे देश में हंगामा मचेगा। एक बार फिर रुदालियां एक सुर में रोएंगी, एक बार फिर सिस्टम में सुधार की मांग होगी। एक बार फिर दरिंदों को फांसी देने की मांग होगी। सब कुछ वैसा ही चलता रहेगा और कुछ दिनों बाद एक बार फिर इसी बात के लिए हम सब दोबारा रोएंगे, क्योंकि ना तो बेटियां बढ़ रही हैं, ना बेटियां पढ़ रही है। और तो और ना बेटियां बच रही हैं, बस वह लूट रही हैं, मर रही हैं।