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नई आरक्षण पद्धति लागू होने से घटेंगी सीटें, विभागवार किया जाएगा आरक्षण

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May 2, 2018

आरक्षण पर हुए बवाल के बाद इस समय एक नई आरक्षण व्यवस्था को लेकर चर्चाएं चल रहीं है देश में पहले ही अनुसूचित समुदाय अपने आप को प्रताड़ित महसूस करते हुए विरोध प्रदर्शित कर रहा है, उस पर अगर यह नई आरक्षण व्यवस्था लागू हो जाती है, तो यह आग में घी डालने के सामान होगा। उत्तर प्रदेश की विख्यात यूनिवर्सिटी बीएचयू ने इसकी जानकारी दी है, क्योंकि बीएचयू में यह नई आरक्षण पद्धति लागू होने पर अनुसूचित जाति (SC) की सीटें 50 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (ST) की सीटें 80 फीसदी और ओबीसी की सीटें 30 फीसदी तक घट जाएंगी।

विश्विद्यालय ने जारी किए आंकड़े
इसके लिए विश्विद्यालय ने खुद शोध किया है और कुछ आंकड़े जारी किए हैं, जिसके अनुसार 12 मई, 2017 तक फैकल्टी के कुल 1,930 पद थे पुरानी आरक्षण व्यवस्था लागू होती तो इसमें से एससी के लिए 289, एसटी के लिए 143 और ओबीसी के लिए 310 सीटें होती। लेकिन यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ऑफ़ इंडिया (UGC) द्वारा बनाए गए नई आरक्षण प्रणाली के तहत यूनिवर्सिटी में एससी के लिए 119 सीटें, एसटी के लिए 29 सीटें और ओबीसी के लिए महज 220 सीटें आरक्षित होंगी।

हर विभाग को अलग मानकर किया जाएगा आरक्षण
दरअसल, पुरानी आरक्षण व्यवस्था के अनुसार पूरी यूनिवर्सिटी को एक ही यूनिट माना जाता था, लेकिन इस नए फॉर्मूले के अनुसार अब हर विभाग को अलग मानकर आरक्षण किया जाएगा, यानि जितने पद जिस विभाग में खाली होंगे, उसके अनुसार उस विभाग का आरक्षण होगा। और अगर किसी विभाग में एक या दो ही पद खाली निकलते हैं तो वहां SC/ST को आरक्षण नहीं मिल पाएगा। साथ ही जिन विभाग में किसी कैडर में दो या उससे अधिक लेकिन 15 से कम पोस्ट खाली हैं वहां भी केवल एक एससी को सीरियल नंबर 7 और केवल एक एसटी को सीरियल नंबर 14 पर आरक्षण मिल पाएगा, इस आरक्षण प्रणाली पर सुप्रीम कोर्ट ने भी एतराज जताया है। गौरतलब है कि उच्च शिक्षा नियामक ने 5 मार्च को आदेश जारी किया था कि किसी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में आरक्षित पद की गणना विभागवार की जाएगी।