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केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति स्व. अटल बिहारी बाजपेई जी की अस्थियों को लेकर पहुंची चित्रकूट

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Aug 26, 2018

रामनरेश श्रीवास्तव - पूर्व प्रधानमत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेई जी की  अस्थियों को लेकर केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति चित्रकूट पहुंची जहाँ मोक्षदायिनी माँ मंदाकिनी के  रामघाट में उनकी अस्थियों का विसर्जन किया गया इस दौरान सियाराम कुटीर में मौजूद अनेको गणमान्य नागरिकों व समाजसेवी तथा जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि दी एक तरफ मंदाकिनी में बाढ़ का नजारा था तो दूसरी तरफ मंदाकिनी के तट पर रामघाट में अटल जी की अस्थियों की एक झलक पाने के लिए हज़ारों लोगों की भीड़ थी।

रामघाट में किया अस्थि विसर्जन

हज़ारों की तादाद में मौजूद लोगो ने दिवंगत अटल जी को मौन श्रद्धांजलि दी शोक सभा के बाद केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति जब अटल जी के आदर्शो पर विचार व्यक्त कर रही थीं उस दौरान वे इतनी भावुक हो गयीं कि  अपने आप को रोक नहीं पायी  और उनकी आंखो से आंसू छलक पड़े फिर वें कुछ बोल नहीं पायीं आपको बता दें कि स्व. अटल जी की चित्रकूट के प्रति अटूट आस्था थी और वे जब प्रधानमत्री थे तब प्रख्यात समाजसेवी  नानाजी देशमुख  द्वारा स्थापित दीनदयाल शोध संस्थान के माध्यमा से  चित्रकूट में सामाजिक पुनर्रचना के किए गए प्रयोग को नजदीक से देखने पहुंचे थे।

सतना सांसद भी पहुंचे अस्थि विसर्जन में

बीजेपी के बरिष्ठ नेता व पूर्व रजौला रियासत के राजा  प्रबल जी अटल जी को अपना आदर्श और राजनैतिक पिता मानते हैं उनका कहना है कि स्व. अटल जी के आदर्शो पर चलकर ही स्वच्छ राजनीति संभव है,  मैं हमेशा उनके आदर्शो को आत्मसात करके आगे बढ़ने कि कोशिश करूंगा अटल जी के अस्थि विसर्जन में शामिल हुए सतना सांसद गणेश सिंह ने कहा कि देश के एक ऐसे नेता का महाप्रयाण हुआ है जो ना सिर्फ देश के बल्कि दुनियॉ के सबसे लोकप्रिय नेताओँ में थे अटल जी कि गहराई समझना आसान नहीं था उनके विचारों में सरलता होती थी पर उसके मायने में विचार बहुत गंभीर होते थे दूरगामी होते थे वें व्यक्ति नहीं देवपुरुष थे।

अटल जी के संकल्प के साथ किया अस्थि विसर्जन

सांसद ने कहा कि अटल जी के जाने के बाद ऐसा लगता है कि जैसे एक युग की समाप्ति हो गयी हो केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अटल जी ने भारत के लिए जो दिया है यदि हम उसका एक अंश भी लेकर  चले तो देश का भविष्य अच्छा होगा चूंकि अटल जी नदियो को जोड़ने का एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया था उनके इस संकल्प को लेकर आज हम उनकी अस्थियों का विसर्जन मंदाकिनी नदी में किए हैं।