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आम आदमी पार्टी के लिए फिर खड़ी हुई मुसीबत !

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Jan 30, 2018

हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने आम आदमी पार्टी के लिए फिर से मुसीबते खड़ी कर दी है। गौरतलब है कि आप पार्टी के विधायक पद से 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करते हुए पहले ही हटा दिया गया है, जिसपर पार्टी ने आरोप लगाया था कि उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया। जानकारी के मुताबिक यह पहला मौका होगा जब आम आदमी पार्टी के किसी विवाद में जनता उसके साथ नहीं है और इसका कारण उन्ही 20 विधायकों को बताया जा रहा है, जिन्हे अयोग्य घोषित किया गया था और आप के लिए उपचुनाव की समस्या खड़ी हो गई थी। जिसके बाद से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली की जनता के दिल से केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के प्रति सहानुभूति ख़त्म हो रही है। आपको बता दें कि यह मामला तब शुरू हुआ जब आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया है और इसकी सिफारिश राष्ट्रपति से कर दी है। पार्टी के पास केवल कोर्ट से राहत की उम्मीद है। पार्टी को दिल्ली हाईकोर्ट से फौरी राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि विधायक चुनाव आयोग के सामने बुलाने पर भी नहीं गए। मामले की सुनवाई की तारीख लगा दी गई है। पार्टी के 20 विधायकों के इस केस के अलावा एक केस और 27 विधायकों के खिलाफ चल रहा है। यह मामला भी लाभ के पद या कहें ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जुड़ा हुआ है। यह मामला आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान बनाई गई रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष पद पर तैनात किए गए 27 विधायकों से जुड़ा हुआ है। इन विधायकों को भी चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा था। इस मामले में भी कार्यवाही चल रही है। फिलहाल मामला कानून मंत्रालय में पड़ा हुआ है। माना जा रहा है कि आप पार्टी उपचुनाव से बचने के रस्ते खोज रही है, क्योंकि वो जानती है कि अगर वो उपचुनाव में हार जाते हैं तो इसका सीधा असर दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। विशेषज्ञों की माने तो केजरीवाल के लिए सबसे बड़ी समस्या उनके नेताओं पर लग रहे आरोप हैं, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हो रही है, और इस जनता इस बार बिजली पानी पर सब्सिडी मिलने से मानने वाली नहीं है।