Aug 8, 2020
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उसे जमकर खरी खोटी सुनाई और दुनिया के देशों से आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने की अपील की। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि 1993 मुंबई विस्फोट का मुख्य साजिशकर्ता दाउद इब्राहीम और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अन्य आतंकवादी पड़ोसी मुल्क की ‘सरपरस्ती’ में हैं। साथ ही भारत ने भगोड़े कुख्यात अपराधियों और लश्कर-ए-तैयबा तथा जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा उत्पन्न खतरे को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास की बात कही।
पांचवी बात भारत ने तकनीकी तौर पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग ब़़ढाने को कही है ताकि आतंकियों व उनके संगठनों के बीच बने नेटवर्क को धवस्त किया जा सके। भारत ने आगाह किया है कि आतंकी संगठनों के तकनीकी नेटवर्क को तो़़डना बहुत जरूरी है।
भारत ने बयान में क्या कहा?
UNSC में भारत ने कहा, "डी कंपनी एक ऑर्गनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट है जो सोने और जाली करेंसी की तस्करी किया करता था। 1993 में मुंबई में बम धमाकों की सीरीज को अंजाम देकर रातोंरात वह सिंडिकेट एक आतंकी संस्था में बदल गया। ISIL के खिलाफ सामूहिक ऐक्शन की सफलता एक उदाहरण है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के फोकस से नतीजे मिलते हैं। दाऊद इब्राहिम और उसकी डी कंपनी, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों और प्रतिबंधित व्यक्तियों से खतरों के प्रति भी ऐसे ही फोकस की जरूरत है। इससे मानवता का फायदा होगा।"