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हरियाणा IPS पूरन कुमार की सुसाइड नोट से सनसनीखेज खुलासा: 10 वरिष्ठ अफसरों पर मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप, वसीयत में पत्नी को सौंपी संपत्ति

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Oct 9, 2025

हरियाणा IPS पूरन कुमार की सुसाइड नोट से सनसनीखेज खुलासा: 10 वरिष्ठ अफसरों पर मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप, वसीयत में पत्नी को सौंपी संपत्ति

हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार की चंडीगढ़ स्थित आवास पर गोली मारकर आत्महत्या की घटना ने पूरे प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। मंगलवार (7 अक्टूबर 2025) को सेक्टर-11 के बेसमेंट में उनका शव मिला, जहां से 8 पन्नों का टाइप्ड सुसाइड नोट और एक वसीयत बरामद हुई। इस नोट में पूरन ने अपने 20 साल के करियर में जमा हुए दर्द को उकेरा है, जिसमें DGP, ADGP और SP रैंक के 10 अफसरों पर मानसिक प्रताड़ना, जातिगत भेदभाव और अनियमित प्रमोशन का आरोप लगाया गया। 2001 बैच के इस इंजीनियरिंग ग्रेजुएट अधिकारी की मौत से सवाल उठे हैं कि क्या सिस्टम ने एक ईमानदार अफसर को तोड़ दिया? उनकी IAS पत्नी अमनीत कुमार जापान से लौटकर जांच में सहयोग कर रही हैं, जबकि पुलिस भ्रष्टाचार के कोण की भी पड़ताल कर रही है। यह घटना हरियाणा पुलिस की आंतरिक कलह को उजागर करती है।

सुसाइड नोट का सनसनीखेज खुलासा

पूरन कुमार का 8 पन्नों का सुसाइड नोट टाइप्ड था, लेकिन हर पेज पर उनके हस्ताक्षर थे, जो इसकी प्रामाणिकता की गवाही देते हैं। इसमें उन्होंने लिखा कि कैसे वरिष्ठ अफसरों ने उन्हें लगातार टारगेट किया। मुख्य आरोपी के रूप में DGP शत्रुजीत कपूर और पूर्व DGP मनोज यादव का नाम प्रमुखता से आया, जिन पर प्रताड़ना और दबाव बनाने का इल्जाम लगाया। इसके अलावा ADGP संदीप खिरवार, कला रामचंद्रन और अमिताभ ढिल्लों पर भी गंभीर आरोप हैं। IPS संजय कुमार और पंकज नैन को नोट में 'करियर बर्बाद करने वाले' बताया गया। पूर्व DGP पीके अग्रवाल, IPS शिबास कविराज और पूर्व चीफ सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद को भी जिम्मेदार ठहराया। पूरन ने लिखा, "ये अफसरों ने मेरी जिंदगी को नर्क बना दिया, प्रमोशन से वंचित रखा और SC/ST एक्ट के तहत शिकायतों को दबाया।" यह नोट फॉरेंसिक टीम ने जब्त कर लिया है, और CBI जैसी एजेंसी की जांच की मांग उठ रही है।

मानसिक प्रताड़ना और जातिगत भेदभाव की दर्द भरी कहानी

सुसाइड नोट में पूरन ने अपने करियर की कड़वी यादें साझा कीं। 2020 में शाहजादपुर थाने के मंदिर दर्शन पर SP अभिषेक जोरवाल के साथ विवाद हुआ, जिसके बाद पूर्व DGP मनोज यादव ने उन्हें SC/ST एक्ट के तहत परेशान किया। 2022-23 में प्रमोशन और पे रिवीजन के लिए ACS होम टीवीएसएन प्रसाद को पत्र लिखा, लेकिन जवाब में केवल अपमान मिला। अप्रैल 2024 में Dial-112 प्रोजेक्ट के हेड के रूप में अपनी आधिकारिक गाड़ी लौटा दी, क्योंकि अन्य IPS को बेहतर वाहन दिए गए थे – यह जातिगत भेदभाव का उदाहरण था। मिड-2024 में CM नायब सैनी को पत्र में 1991-2005 बैच के अनियमित प्रमोशन का जिक्र किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पूरन ने लिखा, "मैंने कभी घुटने नहीं टेके, लेकिन सिस्टम ने मुझे तोड़ दिया।" दोस्तों का कहना है कि हाल ही में रोहतक रेंज IG से सुनारिया PTC में 'सजा ट्रांसफर' ने उन्हें हताश कर दिया।

पत्नी का विदेश दौरा और परिवार का दर्द

ट्रेजडी के समय पूरन अकेले थे। उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार, IAS अधिकारी और विदेश सहयोग विभाग की आयुक्त-सचिव, CM नायब सैनी के डेलिगेशन के साथ जापान में थीं। बुधवार (8 अक्टूबर 2025) को लौटते ही उन्होंने DGP और SP के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें सुसाइड नोट के आधार पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप दोहराया। दंपति की एक बेटी है, जिसके लिए वसीयत में सारी संपत्ति अमनीत को सौंपी गई। अमनीत ने मीडिया से कहा, "पूरन हमेशा न्याय की लड़ाई लड़ते रहे, लेकिन अंत में हार गए।" परिवार ने गोपनीयता की अपील की, लेकिन जांच में पूर्ण सहयोग का वादा किया।

भ्रष्टाचार का काला अध्याय: रिश्वतखोरी का नाम जोड़ा

घटना से ठीक पहले रोहतक में सनसनीखेज मोड़ आया। एक शराब ठेकेदार ने हेड कांस्टेबल सुशील कुमार के खिलाफ FIR दर्ज कराई, जिसमें आरोप था कि सुशील ने पूरन के नाम पर 2-2.5 लाख रुपये मासिक रिश्वत मांगी। सोमवार को सुशील गिरफ्तार हुआ और न्यायिक हिरासत में भेजा गया। पूछताछ में सुशील ने पूरन पर उंगली उठाई, लेकिन सुसाइड नोट में इसकी कोई चर्चा नहीं। पुलिस का कहना है कि यह FIR बिना सरकार की मंजूरी के दर्ज हुई, और भ्रष्टाचार कोण की गहन जांच चल रही। क्या यह ट्रांसफर का बदला था या साजिश? सवाल बाकी हैं।

 जांच तेज, राजनीतिक रंग

गुरुवार (9 अक्टूबर 2025) तक फॉरेंसिक रिपोर्ट आई, जो सुसाइड की पुष्टि करती है। चंडीगढ़ SSP कंवरदीप कौर ने बताया कि नोट की वीडियोग्राफी हुई, और 15 मिस्ड कॉल्स का रिकॉर्ड मिला। हरियाणा सरकार ने उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की, जबकि विपक्ष ने SC/ST अधिकारियों पर भेदभाव का मुद्दा उठाया। पूरन के बैचमेट्स ने श्रद्धांजलि सभा बुलाई, जहां कहा गया, "वे सिस्टम चेंजर थे।" रिटायरमेंट मई 2033 में था, लेकिन जिंदगी 52 साल में थम गई। यह केस पुलिस सुधार की बहस को हवा दे रहा है – क्या ईमानदारी अब बोझ बन गई है?

Report By:
Monika