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Independence Day 2024 : इतिहास और महत्व..

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Aug 14, 2024

भारत 15 अगस्त, 2024 को अपना 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए कमर कस रहा है. 1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से हमारी आज़ादी को चिह्नित करने के लिए यह दिन बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. हर साल, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और देश के नागरिकों को संबोधित करते हैं. इस दिन को देशभक्ति के जुलूस, सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों और अन्य स्थानों पर ध्वजारोहण समारोहों के साथ मनाया जाता है. 

स्वतंत्रता दिवस 2024: थीम

78वाँ स्वतंत्रता दिवस गुरुवार, 15 अगस्त को मनाया जाएगा.  इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह की थीम 'विकसित भारत' है.  यह थीम औपनिवेशिक शासन से अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष यानी 2047 तक देश को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाती है. 

स्वतंत्रता दिवस: इतिहास

भारत के स्वतंत्रता दिवस की जड़ें उस समय से जुड़ी हैं जब स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं ने देश को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराने के लिए अथक प्रयास किए और अपना जीवन समर्पित कर दिया.  लगभग दो शताब्दियों तक चले एक लंबे और उथल-पुथल भरे संघर्ष के बाद 15 अगस्त, 1947 को देश को स्वतंत्रता मिली. 

इसके बाद 18 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश संसद ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया। 15 अगस्त, 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और अपने प्रतिष्ठित 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' भाषण के साथ देश की स्वतंत्रता को चिह्नित किया. 

वर्तमान भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को आंध्र प्रदेश के शिक्षाविद् और स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था.  ध्वज को 22 जुलाई, 1947 को संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था.  राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग हैं जो अपने अनूठे अर्थों को दर्शाते हैं. 

स्वतंत्रता दिवस: महत्व

स्वतंत्रता दिवस देश में एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार है, जिसे औपनिवेशिक शासन से मुक्ति के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.  यह दिन ब्रिटिश प्रभुत्व के अंत और भारत में स्वशासन और लोकतंत्र के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है.  इसके अतिरिक्त, यह उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों और राष्ट्रवादियों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. 

Report By:
Devashish Upadhyay.