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लखनऊ का होगा सीमा विस्तार: विकास प्राधिकरण का बदला जाएगा नाम, कुछ ऐसे होंगे इसके फायदे

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Aug 19, 2022

बाराबंकी के तीन ब्लॉक और एक नगर पालिका परिषद निंदूरा, देवा, बंकी विकासखंड को LDA की सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। लीडा और सीडा के साथ लखनऊ के बाकी सभी विकासखंड के बचे हुए क्षेत्र भी LDA में शुमार होंगे। इसी के साथ लखनऊ विकास प्राधिकरण का नाम बदलकर लखनऊ महानगर विकास प्राधिकरण किया जाएगा। बता दें कि इन क्षेत्रों को शामिल करने के बाद LDA का दायरा 3091 कि मी हो जाएगा। अभी फिलहाल ये एरिया कुल 1051 वर्ग किलोमीटर में है। 

5 जुलाई को निर्देश, 10 अगस्त प्रस्ताव

लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा विस्तार के संबंध में बैठक 5 जुलाई 2022 को हुई थी। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता थी। बैठक में लखनऊ में हो रहे अव्यवस्थित विकास को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री ने एलडीए को अनियोजित विकास रोकने के लिए अपनी सीमा का विस्तार करने का निर्देश दिया था। खासकर अयोध्या रोड पर बाराबंकी तक हो रहे बेतरतीब विकास के लिए प्रस्ताव बनाने को कहा था। निर्देशानुसार, 10 अगस्त को एलडीए उपाध्यक्ष ने सीमा विस्तार का प्रस्ताव तैयार कर प्रमुख सचिव आवास को भेज दिया है। बोर्ड बैठक में इसे पास कराया जाएगा और विस्तृत रिपोर्ट के साथ भेजा जाएगा।

बता दें कि बाराबंकी के फतेहपुर तहसील तथा नवाबगंज को एलडीए की सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव 2014 में बना था। बोर्ड से प्रस्ताव पास कर शासन भेजा गया था। लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया था। 

ये क्षेत्र होंगे शामिल

लखनऊ के इन विकासखंड सरोजनी नगर विकासखंड, मलिहाबाद, काकोरी, बख्शी का तालाब, गोसाईगंज तथा मोहनलालगंज विकासखंड के सभी बचे गांव एलडीए की सीमा में शामिल होंगे। इसके अलावा यूपी सीडा तथा लीडा दोनों के क्षेत्रों को भी लखनऊ महानगर विकास प्राधिकरण की सीमा में शामिल किया जाएगा। दरअसल, बाराबंकी लखनऊ से बिल्कुल सटा हुआ है, इस कारण इसे विकास प्राधिकरण बनाना मुमकिन नहीं है। इसके चलते बाराबंकी में काफी अव्यवस्थित विकास हो रहा है। इस अव्यवस्थित विकास को नियोजित करने के लिए ये कदम उठाया गया है। 

दायरा बढ़ाने के फायदे

LDA की सीमा का दायरा बढ़ाने के तमाम फायदे बताए जा रहे हैं। इसकी सबसे खास बात ये है कि ये सुनियोजित विकास के लिए एक मास्टर प्लान होगा। इसके अलावा इससे सड़कें चौड़ी होंगी, सुविधाओं के लिए जमीन का भू-उपयोग निर्धारित किया जाएगा, विस्तार होते ही लोगों को मकान बनाने के लिए एलडीए से नक्शा पास कराना होगा, निर्धारित मानक के अनुसार ही मकान बनेंगे, अवैध कॉलोनियों पर अंकुश लगेगा, मास्टर प्लान बनने के बाद ग्रीन बेल्ट, बस अड्डे, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, परिवहन सुविधा, स्पोर्ट्स, पार्क सहित अन्य सुविधाओं के लिए जमीन चिन्हित की जा सकेगी।