Feb 16, 2024
Mumbai news- अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) प्रक्रिया में खामियों के लिए अधिक फिनटेक कंपनियों के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से नियामक कार्रवाई की आशंका है। जानकार सूत्रों ने बताया कि रिजर्व बैंक ने फिनटेक कंपनियों की जो सूची तैयार की है, उसमें जाने-माने पेमेंट एग्रीगेटर्स और वॉलेट सेवा प्रदाता भी शामिल हैं।
कुछ फिनटेक कंपनियां जो असुरक्षित ऋण बाजार में काम करती हैं और ग्राहकों और ऋणदाताओं के बीच मध्यस्थ यानी एग्रीगेटर की भूमिका निभाती हैं, उन पर रिजर्व बैंक की नजर है।
ये नियामक उपाय मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण गतिविधियों से निपटने के लिए भारत के वित्तीय संस्थानों की समग्र तैयारियों के चल रहे वित्तीय कार्रवाई कार्य बल के ऑडिट के बीच आए हैं।
आरबीआई ने 31 जनवरी को केवाईसी प्रक्रियाओं में खामियों के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ कार्रवाई की थी। सूत्रों ने यह भी कहा कि चार और भुगतान कंपनियां हैं जो इसी तरह की खामियां दिखा रही हैं और आरबीआई की निगरानी में हैं।
देश के विभिन्न नियामकों का मानना है कि फिनटेक कंपनियों में केवाईसी प्रणाली देश के बैंकों की तुलना में इतनी मजबूत नहीं है।नियामक वैश्विक एफएटीएफ मानकों के समान ग्राहक निधि के सत्यापन के लिए एक मजबूत प्रणाली लागू करने पर भी विचार कर रहे हैं।
वित्त मंत्रालय ने केवाईसी मुद्दों पर चर्चा करने और ऑनलाइन भुगतान में धोखाधड़ी को रोकने के लिए उद्योग मंडलों के साथ कई चर्चाएं भी की हैं। सूत्रों ने बताया कि केवाईसी खामियों के अलावा फर्जी खातों की भी जांच की जा रही है।
विशेष रूप से, वैश्विक ब्रोकिंग दिग्गज मैक्वेरी ने पेटीएम-वन97 कम्युनिकेशंस के शेयरों के लिए अपने राजस्व अनुमान को कम कर दिया और इसके मूल्य लक्ष्य को घटाकर 275 रुपये कर दिया, जिससे शेयरों में नए सिरे से अंतर पैदा हो गया। भारतीय रिज़र्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी, 2024 के बाद प्राइम सेवाओं की पेशकश बंद करने का आदेश दिया, जिससे शेयरों में घबराहट बढ़ गई। इस बीच ऐसी खबरें आई हैं कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत जांच भी शुरू कर दी गई है....
Repot By - Ankit Tiwari