Aug 10, 2024
सूत्रों के अनुसार, शरण और शरणार्थी कानून दुनिया भर में समस्याएँ पैदा कर रहे हैं. "एक बार जब आप शरणार्थी और शरण का दर्जा दे देते हैं, तो वे अपने अधिकारों की माँग करते हैं और अदालतों में चले जाते हैं. इससे और समस्याएँ पैदा होती हैं. हम मामले-दर-मामला आधार पर रहने की अनुमति देते हैं, लेकिन हमारे पास ऐसा कोई कानून नहीं है," सूत्रों ने कहा.
शीर्ष सरकारी सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में अपेक्षा से कहीं अधिक समय तक रहेंगी. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनका प्रवास ‘वीज़ा’ के तहत होगा, न कि ‘शरण’ या ‘शरणार्थी’ श्रेणी में. सूत्रों के हवाले से कहा गया, “किसी भी देश में उनका सुरक्षित प्रस्थान अभी संभव नहीं है. हमारे पास भारत में शरण या शरणार्थी कानून नहीं है. हमने जानबूझकर ऐसे कानून नहीं बनाए हैं.”
सूत्रों के अनुसार, शरण और शरणार्थी कानून दुनिया भर में समस्याएँ पैदा कर रहे हैं. "एक बार जब आप शरणार्थी और शरण का दर्जा दे देते हैं, तो वे अपने अधिकारों की माँग करते हैं और अदालतों में चले जाते हैं. इससे और भी समस्याएँ पैदा होती हैं. हम केस-टू-केस आधार पर रहने की अनुमति देते हैं, लेकिन हमारे पास ऐसा कोई कानून नहीं है," सूत्रों ने कहा.
भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की निगरानी के लिए समिति गठित
गृह मंत्रालय ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति गठित की है,. इसकी अध्यक्षता सीमा सुरक्षा बल, पूर्वी कमान के एडीजी करेंगे. इस समिति में पांच सदस्य होंगे और यह बांग्लादेश में अपने समकक्षों के साथ संचार चैनल बनाए रखेगी ताकि भारतीय नागरिकों और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से इसकी घोषणा की थी.
बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस ने नवनियुक्त सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की
शुक्रवार को बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस ने नवनियुक्त सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की और खुद रक्षा सहित 27 मंत्रालयों का कार्यभार संभाला और विदेश मंत्रालय का कार्यभार कैरियर राजनयिक मोहम्मद तौहीद हुसैन को सौंपा. हुसैन 2001 से 2005 तक कोलकाता में बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त थे तथा 2006 से 2009 तक बांग्लादेश के विदेश सचिव रहे थे.
पूर्व बांग्लादेश बैंक गवर्नर सलाहुद्दीन अहमद वित्त एवं योजना मंत्रालयों के प्रभारी होंगे, जबकि पूर्व अटॉर्नी जनरल ए एफ हसन आरिफ स्थानीय सरकार मंत्रालय की देखरेख करेंगे. अंतरिम कैबिनेट में शामिल किए गए स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन के दो समन्वयकों एम नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद को क्रमशः दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा युवा एवं खेल मंत्रालयों का प्रभार दिया गया है.