Jan 11, 2017
सोशल मीडिया पर बीएसएफ के 29 वीं बटालियन के जवान तेज बहादुर यादव के सेना को दिए जाने वाले खाने को लेकर सनसनीखेज खुलासे के बाद बीएसएफ में हड़कंप मच गया है। बीएसएफ ने जवान के आरोपों के बाद एक हाईलेवल जांच बिठा दी है। गृह मंत्रालय ने भी इसकी रिपोर्ट मांगी है। वीडियो के वायरल होने के बाद बीएसएफ ने कहा है कि तेज बहादुर यादव का साल 2010 में वरिष्ठ अधिकारी पर बंदूक तान देने के आरोप में कोर्ट मार्शल भी हुआ था। डीआईजी के मुताबिक तेज बहादुर कई बार सेना के नियमों को तोड़ चुका है और उसे इसकी सजा भी मिली थी।लेकिन उसके परिवार और बच्चों को देखते हुए उस नौकरी से नहीं निकाला गया था। वहीं इस पूरी घटना पर तेज बहादुर यादव के परिवार वालों ने भी उसकी बात का समर्थन किया है। तेज बहादुर के पिता ने कहा है कि जब वो दिसंबर में घर आया था तो कह रहा था कि वहां खाना नहीं मिल रहा है। अब वो वहां नहीं रह सकता।
तेज बहादुर की पत्नी ने अपने पति की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि मेरे पति ने जो बातें बताई है वो सच्चाई है। रोटी की मांग करना गलत नहीं है हमे न्याय मिलना चाहिए। दूसरी तरफ तेज बहादुर के बेेटे रोहित ने भी वीडियो के सामने आने के बाद कहा है कि अच्छा खाना मांगना कहीं से गलत नहीं और मेरे पिता को न्याय मिलना चाहिए। गौरतलब है कि तेज बहादुर यादव इसी महीने की 31 तारीख को सेना से वीआरएस ले रहे हैं। लेकिन रिटायरमेंट से पहले उनके इस वीडियो ने सोशल मीडिया में सनसनी मचा दी है। वीडियो के सामने आने के बाद बीएसएफ के आईजी ने कहा है कि जब डीआईजी लेवल के अधिकारी ने बीएसएफ कैंप का दौरा किया था तब तेज बहादुर यादव ने ऐसी कोई भी शिकायत उनसे नहीं की थी। आईजी ने कहा इतना ही नहीं बीएसएफ डीआईजी ने जब बीएसएफ पोस्ट जहां तेज बहादुर तैनात थे उसका दौरा किया था तो भी उसने ये बात डीआईजी को नहीं बताई। डीआईजी ने खराब खाने को लेकर कहा कि जवानों को फॉरवर्ड पोस्ट पर वही खाना दिया जाता है जो अधिकारियों को मिलता है।
डीआईजी के बयान के मुताबिक बीएसएफ सीमा पर तैनात अपने जवानों के लिए खुद राशन खरीदती है। लेकिन एलओसी पर तैनात जवानों के लिए खाना आर्मी की तरफ से जाता है। खाने को लेकर आजतक किसी जवान ने कोई शिकायत नहीं की है। आईजी ने बताया कि मामले की शुरूआती जांच के आदेश दे दिए गए हैं और तेज बहादुर यादव को वहां से हटाकर हेडक्वार्टर में शिफ्ट कर दिया गया है। इतना ही नहीं आईजी ने कहा कि फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात जवानों को ड्यूटी के दौरान माबाइल ले जाने की इजाजत नहीं होती है। तेज बहादुर के पास मोबाइल कैसे पहुंचा इसकी भी जांच की जाएगी।