Dec 30, 2016
अब तक भारत के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रहे पाकिस्तान और चीन दोनों ही अब नई दिल्ली से नजदीकी चाहते हैं। पाकिस्तान ने जहां कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों का सौहार्दपूर्ण समाधान की इच्छा जताई है। वहीं, चीन ने भारत के साथ नए साल में रिश्ते और प्रगाढ़ होने की उम्मीद जताई है।
पाकिस्तान विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने गुरुवार को इस्लामाबाद में कहा, हम भारत के साथ कश्मीर समेत सभी लंबित मुद्दों का समाधान सौहार्दपूर्ण तरीके से चाहते हैं। हालांकि, साल के आखिरी प्रेस वार्ता में एक बार फिर वह कश्मीर राग अलापना नहीं भूले। जकारिया ने कहा कि कश्मीर मुद्दा दोनों देशों के बीच विवाद की जड़ है और अंतररराष्ट्रीय समुदाय को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उरी हमले के बाद भारत की ओर से सिंधु जल संधि की समीक्षा किए जाने की खबरों पर उन्होंने टिप्पणी की कि इसे एकपक्षीय तरीके से बदला या निलंबित नहीं किया जा सकता है। इसके साथ कहा कि पूर्व में इससे जुड़े कई विवाद सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाए गए हैं।
इसी प्रकार चीन ने एनएसजी में भारत की सदस्यता और आतंकी मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंध के मुद्दों के समाधान के जरिये भारत से संबंध बेहतर होने की उम्मीद जताई। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने कहा कि खत्म हो रहे वर्ष में दोनों देशों के बीच विकास के लिए निकटता बढ़ी है। दोनों देशों के नेतृत्व ने नियमित संपर्क कायम रखा है।
तनाव के मुद्दों पर चुनिंग ने कहा कि करीबी पड़ोसी होने के नाते दो बड़े देशों के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है। लेकिन हम कूटनीतिक माध्यमों के उनके समाधान की कोशिश कर रहे हैं। चीन-भारत संबंधों की मुख्य विषय वस्तु मित्रता और सहयोग की है। प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 2017 के लिए चीन, नेतृत्व के बीच बनी महत्वपूर्ण आम सहमति के बेहतर क्रियान्वयन, व्यापक राजनीतिक पारस्परिक विश्वास, व्यापक पारस्परिक लाभ सहयोग और मतभेदों के उचित प्रबंधन के वास्ते काम करना चाहेगा। इससे दोनों देशों के संबंध और विकसित होंगे।