Jan 6, 2017
बैतूल। पुलिस ने एक अंतरराज्जीय जालसाज गिरोह का पर्दाफाश कर इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने 1 करोड़ 22 लाख कीमत के 14 ट्रैक्टर ,3 लोडिंग वाहन और एक सूमो जब्त की है। इस गिरोह का सरगना नौशाद महाराष्ट्र के अंजनगांव का रहने वाला है. वह फाइनेंस किये गए ट्रैक्टरों और दूसरे वाहनों के मालिकों के साथ मिलकर वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करता था, फिर उन वाहनों को काफी कम दामों पर बैतूल के भोले-भाले किसानों को बेच देता था।
एक या दो साल बाद उन्हीं किसानों को वाहनों की आधी कीमत देकर वाहन वापस ले लिये जाते थे. इस तरह से एक ही वाहन का कई बार सौदा हो जाता था। बैतूल में नौशाद के साथ कुछ और लोग कमीशन पर काम करते थे जिसमें एक पूर्व पार्षद भी शामिल है। बैतूल एसपी के मुताबिक इस मामले में अभी जांच जारी है और आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया जा रहा है । पुलिस ने पिछले कई दिनों की मशक्कत के बाद एक अंतर्राज्यीय गिरोह के पांच जालसाजों को गिरफ्तार किया है।
-आरोपी महाराष्ट्र में फायनेंस करवाए गए ऐसे ट्रैक्टर और दूसरे वाहनों पर नजर रखते थे जिनके मालिक वाहनों की किस्तें नहीं भर पा रहे हैं.
-इन वाहनों को लेकर उनके फर्जी दस्तावेज तैयार किये जाते थे और फिर बैतूल में ये वाहन बेहद कम कीमत पर बेच दिये जाते थे.
-खरीददारों में अधिकतर बैतूल के भोले-भाले किसान होते थे जिन्हें खेती के लिये ट्रैक्टरों और लोडिंग वाहनों की जरूरत पड़ती है.
-एक या दो साल बाद किसानों को कुछ रुपये देकर ये वाहन वापस ले लिये जाते थे और फिर दोबारा उनके दस्तावेज बनाकर उनका सौदा कर दिया जाता था.
-इस गिरोह का मास्टर माइंड सरगना है महाराष्ट्र के अंजनगांव का शेख नौशाद जिसनें अब तक केवल बैतूल जिले में ही लगभग 25 से ज्यादा वाहन बेचे हैं .
गैंग के सदस्थ थे कमीशन एजेंट
नौशाद ने वाहनों को बेचने के लिये बैतूल में एक गिरोह तैयार किया था जो उसे खरीददार उपलब्ध करवाते थे. इस काम के लिये गिरोह के सदस्यों को अच्छा खासा कमीशन मिलता था. बैतूल में नौशाद का खास शहर के पटेल वॉर्ड का पूर्व पार्षद भद्दू पाटिल है, जिसने कई किसानों को सस्ते दामों पर ट्रैक्टर बेच दिए। एसपी राकेश गुप्ता ने बताया कि इस गिरोह की तलाश में पिछले कई दिनों से थी और इनके पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिये पुलिस ने जाल फैला रखा था। एसपी के मुताबिक अभी भी इस मामले की जांच जारी है और जब्त किये गए वाहनों को फायनेंस करने वाली कंपनियों और उसके एजेंटों से भी पूछताछ होना बाकी है. पुलिस सारे आरोपियों को रिमांड पर लेने जा रही है।