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महिलाकर्मी के खाते में आए 3 अरब 15 करोड़ रुपए, उड़े होश

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Nov 23, 2016

कोरबा। जिले में एसईसीएल की महिला कर्मी के होश उस समय उड़ गए, जब उसके मोबाइल में पोस्ट ऑफिस के उसके अकाउंट में रकम जमा होने का मैसेज आया। डाकघर से आया यह मैसेज उसके सेविंग अकाउंट का बैलेंस बताने भेजा गया था। मैसेज के अनुसार महिला कर्मी के खाते में 3 अरब 15 करोड़ से अधिक राशि थी। इतनी रकम कहां से आई और किसने जमा कराया इसका कुछ पता नहीं चला।

लेकिन दूसरे दिन एक और मैसेज आया जिसमें खाते का अमाउंट 10 हजार 567 रुपए बताया गया। दरअसल, डाकघर प्रबंधन ने गलती से महिला कर्मी के खाते का नंबर ही उसके बैलेंस अमाउंट में दर्ज कर दिया था। जिसे मुख्यालय से दिशा-निर्देश के बाद सुधारा गया। ये वाक्या एसईसीएल में कार्यरत गेवरा कॉलोनी के निवासी ए टी लकड़ा के साथ हुआ। गेवरा के डाकघर में उनका बचत खाता है। जिसमें वे समय-समय पर रकम आहरण और जमा कराती रहती हैं. केंद्र सरकार के 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को प्रचलन से बाहर करने के फैसले के बाद ए टी लकड़ा ने भी घर पर रखे पुराने नोट लेकर जमा कराने डाकघर पहुंची,11 नवंबर को अपने बचत खाते में उन्होंने 9 हजार 500 रुपए के नोट जमा कराए, जबकि उनके खाते में पहले से एक हजार 567 रुपए बैलेंस अमाउंट था।

यह रकम जमा करने के बाद उनके खाते का बैलेंस कुल 10 हजार 567 रुपए हो गया, रकम जमा कराने के बाद वो अपने घर आ गईं. राशि जमा करने के बाद उसे उनके खाते में चढ़ाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस अलर्ट मैसेजे आया, तो वह देख कर दंग रह गई,10 हजार 567 रुपए की बजाय उनके खाते में 3 अरब, 15 करोड़ 39 लाख 92 हजार 932 रुपए 3153992932 शो कर रहा था। पूरे-दिन हैरान-परेशान होने के बाद अगले दिन फिर से एक मैसेज आया, जिसमें डाकघर ने उनके बचत खाते में 10 हजार 567 रुपए होने की जानकारी दी थी, डाकघर में गलती से उनके अकाउंट नंबर 3153992932 को ही उनके खाते का अमाउंट दर्ज कर दिया गया था, गड़बड़ी सुधारने के बाद अगले दिन वास्तविक अमाउंट की जानकारी फिर से एसएमएस की गई. डाकघर प्रबंधन ने हेड ऑफिस से गाइड लाइन लेकर त्रुटि सुधार किया.

प्रधान डाकघर के डाकपाल एम आर कुर्रे की माने तो त्रुटिवश अगर खाता धारक का अकाउंट नंबर अमाउंट में आ गया, तो ऐसी स्थिति में वास्तवित बैलेंस के जितना ज्यादा शो हो रहा है, उतने अमाउंट का विड्राल लेकर एडजेस्टमेंट किया जाता है। ऐसी स्थिति में सीधे रायपुर हेड ऑफिस से दिशा-निर्देश प्राप्त किया जाता है, गेवरा चूंकि प्रधान डाकघर कोरबा के अंतर्गत है, इसलिए सूचनार्थ एक कॉपी यहां के प्रशासनिक कार्यालय में भी भेगी गई होगी। इस घटना ने डाक विभाग की लपरवारी उजागर कर दिया है. गेवरा डाकघर के कपाल भुवनलाल पटेल ने बताया की कुछ दिन पहले की घटना है, जिसमें हमारे डाकघर की एक खाता धारक ए टी लकड़ा के खाते के नंबर को गलती से उनके बैलेंस में लिख दिया गया, इसकी वजह से खाते में 3 अरब से ज्यादा अमाउंट शो हो रहा था,हेडऑफिस को इसकी सूचना दी गई और दिशा-निर्देश प्राप्त कर त्रुटि में दूसरे दिन ही सुधार कर लिया गया है, जिसकी जानकारी खाता धारक को एसएमएस के जरिए भेजी गई है।