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रिश्वतखोर पटवारी को पकड़ने के लिए लोकायुक्त ने चला दो हजार रुपए का चाल

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Nov 18, 2016

उज्जैन। नोटबंदी के फैसले के बाद काला धन कुबेरों ने अब दो हजार के नोटों पर भी भ्रष्टाचार करना शुरू कर दिया हैं। नोटबंदी के इस बीच मध्य प्रदेश में रिश्वत लेकर काले धन को पाने का खेल लगातार जारी है। ऐसे मेें मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में शुक्रवार को महिदपुर के हल्का नंबर 108 में पदस्थ पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। जानकारी के मुताबिक, महिदपुर निवासी किसान और उसके भाई की जमीन को गलत रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया था। इसे सुधारने के लिए उन्होंने पटवारी भेरुलाल परमार से इसकी शिकायत की थी। भेरुलाल ने गलती सुधारने के बदले दोनों किसानों से 20 हजार रुपए की मांग की। जब उन्होंने ऐसा नहीं किया तो पटवारी ने उनका मामला अटका कर रख दिया। परेशान भाइयों ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस से कर दी, जिन्होंने मामले की पुष्टि के बाद आरोपी पटवारी को पकड़ने का जाल बिछाया। शुक्रवार को किसान रिश्वत की पहली किश्त के रूप में पांच हजार रुपए लेकर पटवारी के पास पहुंचे, जिनमें दो 2 हजार के नोट और बाकी 100 रुपए के नोट थे। ये पैसे जैसे ही उन्होंने पटवारी भेरुलाल को दिए, वैसे ही लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे दबोच लिया। पटवारी के पकड़ने जाने की खबर लगते ही वहां भीड़ इकट्ठा हो गई. लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करने के बाद भेरूलाल को निजी मुचलके पर छोड़ दिया।