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top-10 में पहुंचे भारतीय शतरंज खिलाड़ी हरिकृष्ण

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Nov 7, 2016

भारतीय शतरंज खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर पी. हरिकृष्ण रविवार को फिडे द्वारा जारी वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-10 में पहुंच गए। इसके साथ ही हरिकृष्ण वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-10 में जगह बनाने वाले दूसरे भारतीय शतरंज खिलाड़ी बन गए। फीडे की ओर से नवंबर माह के लिए जारी ताजा वर्ल्ड रैंकिंग में हरिकृष्ण 2,768 अंकों के साथ 10वें पायदान पर हैं। जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप विजेता रह चुके हरिकृष्ण आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रहने वाले हैं। इससे पहले वर्ल्ड रैंकिंग टॉप-10 में जगह बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद थे। आनंद इस समय 2,779 अंकों के साथ सातवें पायदान पर हैं।

भारतीय शतरंज के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-10 में दो-दो भारतीय खिलाड़ियों ने एकसाथ जगह बनाई हो। 100 खिलाड़ियों की इस वर्ल्ड रैंकिंग में सबसे निचले 100वें पायदान पर भी एक भारतीय खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर के. शशिकिरन हैं।

देशों की वरीयता सूची में भारत पांचवें स्थान पर है। देशों की रैंकिंग उनके टॉप-10 खिलाड़ियों की औसत रेटिंग के आधार पर तय होती है। भारत से ऊपर दुनिया की टॉप-4 शतरंज खेलने वाले देशों में रूस सबसे ऊपर, अमेरिका दूसरे स्थान पर, चीन तीसरे और यूक्रेन चौथे स्थान पर है। हालांकि चीन का कोई भी खिलाड़ी व्यक्तिगत रैंकिंग में टॉप-10 में शामिल नहीं है।

महिला खिलाड़ियों की वर्ल्ड रैंकिंग में भी भारत की दो खिलाड़ी टॉप-10 में जगह बनाने में सफल रही हैं। कोनेरू हम्पी (2,557) चौथे और हरिका द्रोणावल्ली (2,543) छठे स्थान पर हैं। हरिकृष्ण के वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-10 में प्रवेश करने पर आंध्र प्रदेश शतरंज संघ के सचिव डी. श्रीहरि ने कहा कि राज्य सरकार शतरंज और राज्य के शीर्ष शतरंज खिलाड़ियों की मदद में तत्पर है। हरिकृष्ण, हम्पी और हरिका को राज्य सरकार किस तरह मदद दे सकती है, इस पर हम चर्चा करेंगे, ताकि वे भारत के लिए पदक जीतने पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकें।

श्रीहरि ने बताया कि राज्य सरकार स्कूल स्तर पर शतरंज को बढ़ावा देना चाहती है।

शतरंज के एक कोच ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के लिए यह बिल्कुल सही समय है कि वे हरिकृष्ण, हम्पी और हरिका को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराएं, ताकि वे अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकें और देश के लिए पदक जीत सकें।

हैदराबाद में रह रहे हरिकृष्ण के माता-पिता यह खबर सुनकर बेहद खुश हुए। हरिकृष्ण के पिता पी. नागेश्वरा राव ने फोन पर कहा कि उसका पहला लक्ष्य वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-100 में पहुंचना था और उसके बाद अगला लक्ष्य टॉप-10 में प्रवेश करना। अब उसका मकसद दुनिया के टॉप-4 खिलाड़ियों में शामिल होना है।