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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा, प्रदर्शनकारियों ने पीएम आवास में घुसकर तोड़फोड़ की

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Aug 5, 2024

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण मुद्दे पर भड़की आग एक बार फिर पूरे देश को अपनी चपेट में ले रही है. बांग्लादेश में शहीदों के वंशजों के लिए आरक्षण का मुद्दा बेकाबू होने पर कर्फ्यू लगाने के साथ ही इंटरनेट सेवा अनिश्चित काल के लिए बंद कर दी गई है. इस बीच प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के आधिकारिक पीएम हाउस पर भी हमला कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने यहां घुसकर बंगबंधु की मूर्ति पर कुल्हाड़ियां भी फेंकीं. ऐसे में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और भारत में शरण ले ली है. 

बांग्लादेश में नौकरी में आरक्षण खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोधियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच हिंसा भड़क उठी.  इस खूनी विरोध प्रदर्शन में अब तक 14 पुलिसकर्मियों समेत करीब 100 लोगों की जान जा चुकी है. जानकारी के मुताबिक, भारी विरोध के बीच सेना के दबाव के आगे झुकते हुए शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.

बांग्लादेश सेना ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने के लिए 45 मिनट का समय दिया था. इस बीच वह अपनी बहन शेख रेहाना के साथ विशेष हेलीकॉप्टर से भारत आये. अब उन्होंने दिल्ली में शरण ली है. स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन नामक मंच ने सरकार के इस्तीफे की मांग करते हुए आज से असहयोग आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है. इस बीच प्रधानमंत्री हसीना ने कहा है कि प्रदर्शनकारी छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और लोगों को उनका समर्थन नहीं करना चाहिए. हालांकि हालात बेकाबू होने पर मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्होंने त्याग पत्र देकर भारत में शरण लेने का फैसला किया है.

नोबेल पुरस्कार विजेता की भारत से अपील

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा व्यवस्था ख़त्म करने की मांग को लेकर चल रहा विरोध आंदोलन भारत तक पहुंच गया है और एक बार फिर भारत से मदद मांगी जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना भारत आ रही हैं, वहीं दूसरी ओर बांग्लादेशी अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने चिंता जताई है और भारत से मदद की अपील की है. 

उन्होंने कहा, ''मुझे दुख होता है जब भारत कहता है कि यह बांग्लादेश का घरेलू मामला है. अगर आपके भाई के घर में आग लगी है तो आप इसे घरेलू मामला कैसे कह सकते हैं? कूटनीति में कई चीजें आती हैं और ये नहीं कहा जा सकता कि ये उनका घरेलू मसला है. 17 करोड़ की आबादी वाले बांग्लादेश में लोग संघर्ष का सामना कर रहे हैं, सरकारी बलों द्वारा युवाओं की हत्या की जा रही है और कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है. बांग्लादेश में उथल-पुथल सिर्फ उसकी सीमाओं तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि इसका असर पड़ोसी देशों पर भी पड़ेगा'.

Report By:
Devashish Upadhyay.