Sep 30, 2024
भारत में आधे से ज्यादा लोगों की सुबह सोशल मीडिया अकांउट को चलाने से होती है. सोशल मीडिया बच्चों की दिनचर्या का एक महत्तवपूर्ण हिस्सा बन गया है जिस पर वे अपनी सुबह से लेकर शाम तक की Activities को लोगों के साथ साझा करते हैं. इस दौर में सोशल मीडिया का क्रेज़ आजकल बच्चों से अधिक नौजवानों और Mature उम्र के लोगों में देखा जा रहा है. कुछ लोगों में रील बनाने को लेकर पागलपन इस हद तक हावी है कि रील बनाने के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाल देते हैं
सोशल मीडिया पर रील बनाने का ट्रेंड मौत को बुलावा देता है. हाल ही में Uttar Pradesh के अमेठी जिले के NH - 931 का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें एक युवक रील बनाने के लिए 10 मीटर ऊंचे साइनबोर्ड बोर्ड पर चढ़कर पुशअप्स करते दिखाई दे रहा है.
रील से जान गवाने वालों में भारत सबसे आगे
रील से जान गवाने वालों में भारतीय सबसे आगे हैं. आंकड़ों के अनुसार भारतीय एवरेज तौर पर 6 घंटे 45 मिनट का समय रील देखने में बिताते हैं. हाला कि ग्लोबल यूजर्स औसतन 6.50 घंटे का समय ऑनलाइन बिताते हैं. यानी इंडियन यूजर्स का एवरेज ज्यादा है.
टिकटॉक देश के लिए खतरनाक, लगा बैन
साल 2019-20 में चीनी ऐप टिकटॉक दुनिया भर में सबसे बड़े रील प्लेटफॉर्म के रूप में सामने आया. जिसका क्रेज लोगों के सर चढ़ गया और इसे 61.1 करोड़ बार डाउनलोड किया गया। देश में Tik Tok के एक्टिव यूजर्स की संख्या भी 25 करोड़ के पार हो गई। लॉकडाउन के दौरान इस ऐप ने यंगस्टर्स को अपनी और तेजी से अट्रक्ट किया और इसी दौर में युवाओं को रील का चस्का लगा. इस गंभीर मुद्दे को देखते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने इस ऐप को पोर्नोग्राफी को बढ़ावा देने वाला माना और भारत में इसकी डाउनलोडिंग पर रोक लगा दी।
इंस्टाग्राम पर हर दिन बनती है 60 लाख रील्स
Meta की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 से 2023 तक देश में रोजाना 70 लाख रील्स बनाई जाती हैं. इंडियन रील मेकर्स एंटरटेनमेंट, डांस, कॉमेडी और ट्रेंडिंग सांग पर रील बनाना सबसे ज्यादा बनाना पसंद करते हैं।
Reel में खो रही है Real लाइफ, सोसाइटी पर दिखा असर
भारत में रियल लाइफ रील में खोती हुई नजर आ रही है. बच्चों से लेकर 70 से 80 साल के बुजुर्गों तक रील देखना पसंद किया जाता है. लोग रील के जरिए अपना हुनर और शौक भी दिखा रहे हैं। सोसाइटी पर इसका असर काफी गहरा असर हुआ है.
