Aug 26, 2016
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट ने वर्षा डोंगरे की याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया है। 2013 के पीएससी परीक्षा को लेकर याचिका पर सुनवाई में बिलासपुर हाईकोर्ट ने माना है कि चयन में गड़बड़ियां हुई हैं और मेरिट सूची में हेराफेरी हुई है। इसलिए दोबारा से मेरिट सूची बनाई जाए। ऐसे में प्रदेश के कई डीएसपी और डिप्टी कलेक्टर की नौकरी खतरे में है।हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि परीक्षा में एंथ्रोप्लॉजी का पेपर दोबारा से होगा। वहीं इंटरव्यू के सेलेक्शन से वंचित रहे उम्मीदवारों के लिए भी दोबारा से इंटरव्यू कॉल करने का निर्देश जारी किया गया है। खास बात ये कि पीएससी को इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए सिर्फ दो महीने का वक्त दिया गया है।
21 अक्टूबर तक नई मेरिट सूची पीएससी को तैयार करनी होगी। जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश के बाद 56 उम्मीदवारों के पदों में फेरबदल होगी। आज फैसले के मद्देनजर हाईकोर्ट में चहल-पहल थी। कई मौजूदा अफसर आज फैसले को सुनने के लिए हाईकोर्ट में मौजूद थे। जो फैसले के बाद अपने आंसू को नहीं छुपा सके और रोते हुए हाईकोर्ट से निकले।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में ये भी बताया है कि जो नए मेरिट लिस्ट के आधार पर चयनित नहीं होंगे उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा। मानव विज्ञान यानि एंथ्रोपलॉजी का एक यार्ड स्टिक आधार पर नए सिरे से उत्तर पुस्तिका की जांच की जाएगी और नया मेरिट लिस्ट तैयार किया जाएगा।
खास बात ये कि इस मामले की मुख्य याचिकाकर्ता वर्षा डोंगरे को 5 लाख रुपये और रविंद्र सिंह व चमन सिन्हा को 2-2 लाख रुपए भी पीएससी को देने का आदेश दिया गया है। 31 अक्टूबर तक लोक सेवा आयोग को समस्त विषयों का नए सिरे से सभी मुख्य परीक्षा में सम्मिलत हुए छात्रों की स्कॉलिंग कर नया मेरिट लिस्ट बनाया जाएगा।