Jun 6, 2024
मध्यप्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया x पर एक रहस्यमय पोस्ट किया गया. जिसमें सिर्फ शिवराज सिहं चौहान का नाम लिखा था. जैसे ही ये पोस्ट हुआ कयासो का सिलसिला भी चलने लगा. लोगो ने यह माना की कांग्रेस मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को देश का प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट कर रही है. फिर एक कंपैरिजन भी शिवराज सिंह चौहान और नरेन्द्र मोदी के बीच में शुरु हो गया. ये कंपैरिजन किस बात पर था यह भी बताते है.
इस बार नरेन्द्र मोदी वाराणसी से सिर्फ 1.50 लाख वोटो से चुनाव जीत पाये है जो की पीछली बार से बहुत कम है. वहीं शिवराज सिंह चौहान ने जीत का रिकॉर्ड बनाया है और वो विदिशा से 8 लाख से भी ज्यादा वोटों से चुनाव जीते है. ऐसे में कांग्रेस को भी एक मौका मिल गया बाते बनाने का. आपको बतात दें की इस बार बीजेपी को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला है जिस कारण से अब बीजेपी को अपने सहयोगीयों पर सरकार बनाने के लिए निर्भर रहना पड़ेगा.
वहीं बात करे कांग्रेस की तो इस बार इंडिया गठबंधन के साथ कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया है. बीजेपी को कुल मिलाकर 240 सीटें मिली है जो की बहुमत से दूर है. इस बार बीजेपी को 63 सीटों का नुकसान हुआ है. वही बात करे कांग्रेस की तो इस बार कांग्रेस को 99 सीटे मिली है जो की पीछली बार से ज्यादा है. कांग्रेस इस बार 47 सीटों के फायदे में है. इंडिया गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी ने तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी का बहुत ही बड़ा नुकसान कर दिया है. इस बार सपा को उत्तर प्रदेश में 37 सीटे मिली है जिस कारण से लोकसभा में सपा उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बंगाल में ममता की तृणमूल कांग्रेस पर लोगो को भरोसा है क्योंकि वहां टीएमसी को 29 सीटें मिली है.
कुल मिलाकर बात यह है की इस बार जनता ने बीजेपी पर वो भरोसा नहीं किया जिसकी उम्मीद पार्टी को थी. क्षेत्रीय दलों ने भी बीजेपी का खेल बहुत ज्यादा बिगाड़ा है. बहुमत के लिए लोकसभा में 272 सीटे चाहिए रहती है. बीजेपी 240 सीटों पर रुक गई है और अब अपने एनडीए के जो सहयोगी दल है उनपर पूरी तरह से सरकार बनाने को लेकर निर्भर हो चुकी है. ऐसे में कहा जा सकता है की जनता ने नरेन्द्र मोदी की ताकत को आधा कर दिया है.
वाराणसी से उनकी जीत भी फीकी ही मानी जा रही है. पीछली बार नरेन्द्र मोदी वाराणसी से 4 लाख से भी ज्यादा वोटो से जीते थे. इस बार मोदी को 1 ,52,513 वोटो से जीत मिल पाई है. पहले यह दावा किया जा रहा था की इस बार वाराणसी से मोदी अपना पीछला रिकॉर्ड तोड़ देंगे लेकिन ऐसा नही हो पाया. शुरुआत के रुझानों में तो मोदी कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय सें 6000 वोटो से पीछे चल रहे थे.
अब यह कहना भी गलत नही होगा की इस बार जनता ने सब को ही जश्न मनाने का एक मौका दिया है. बीजेपी इसिलिए खुश है क्योंकि भले ही अपने दम पर नही लेकिन कम से कम अपने सहयोगीयों के साथ तो सरकार बना पा रही है. कांग्रेस भी खुश है क्योंकि उसका प्रदर्शन तो पहले से बहुत ही ज्यादा बेहतर है और बीजेपी की ताकत भी आधी हो गई , साथ-साथ अमेठी और रायबरेली पर भी कांग्रेस जीत गई. खासा उत्साह अमेठी को लेकर था. जहां इस बार कांग्रेस ने चुनाव जीत कर अपना गढ़ वापस से अपने नाम कर लिया है.