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Madhya Pradesh: पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव को तीन साल की सजा, भ्रष्टाचार मामले में कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

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Dec 31, 2022

ग्वालियर की एक विशेष अदालत ने कांग्रेस नेता भगवान सिंह यादव को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। उनके अलावा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के चार कर्मचारियों और महिला सहकारी समिति की अध्यक्ष को भी अदालत ने सजा सुनाई है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व सहकारिता मंत्री भगवान सिंह यादव को एक विशेष अदालत ने एक जिला सहकारी बैंक में स्टेशनरी की खरीद में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई है। इस मामले में दो लोगों को तीन-तीन साल जबकि चार लोगों को चार-चार साल की सजा सुनाई गई है और कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया है।

मामला जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से जुड़ा था। भगवान सिंह यादव 2004 में इस बैंक के चेयरमैन थे। इस बीच साढ़े चार लाख रुपये की स्टेशनरी खरीदी गई। साथ ही ग्रीटिंग कार्ड भी छपवाए। इस मामले में खुद बैंक के पूर्व कर्मचारी सतीश शर्मा ने भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की शिकायत करते हुए कहा कि इस खरीद में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। जिस सहकारी समिति से क्रय दर्शाया गया है, उसकी गुंजाइश नहीं है और न ही उसके संविधान में स्टेशनरी व्यवसाय का कोई उल्लेख है। आरोपियों में भगवान सिंह यादव के अलावा चार आरोपी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारी हैं और एक महिला सहकारी समिति की अध्यक्ष है।

इस मामले की जांच कई सालों तक चली। जांच के बाद आर्थिक अपराध ब्यूरो (एईओडब्ल्यू) ने बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष भगवान सिंह यादव और मैनेजर मुकेश माथुर समेत आठ लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया। इसमें दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि यादव समेत छह आरोपियों को जमानत दे दी गई।

लंबी सुनवाई के बाद विधायक, सांसद की विशेष अदालत ने इस मामले में आरोपी को दोषी करार दिया। इस बीच, आरोपी ने अदालत से गुहार लगाई कि आरोपी ईशान अवस्थी कैंसर रोगी है, शीला गुर्जर महिला है जबकि भगवान सिंह यादव सहित अन्य अपराधी बुजुर्ग हैं और लंबी सुनवाई के दौरान अदालती कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। इसलिए अब उसे सजा से रिहा कर देना चाहिए लेकिन कोर्ट ने सबूतों को देखने के बाद उसे सजा सुनाई।

सहकारी बैंक के तत्कालीन चेयरमैन भगवान सिंह यादव और डीके जैन को दो अलग-अलग मामलों में तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई थी। साथ ही 15 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।अभियुक्त ईशान चंद्र अवस्थी, गजेंद्र श्रीवास्तव, शीला गुर्जर और संजीव शुक्ला को दो अलग-अलग मामलों में क्रमशः तीन और चार साल की जेल और 15,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

सजा सुनाए जाने के बाद भगवान सिंह यादव और डीके जैन के अधिवक्ताओं ने अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर करते हुए कहा कि उनके पक्ष को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है। जिसमें उन्हें जमानत मिल सकती है। कोर्ट ने इस अर्जी को स्वीकार कर लिया और तत्काल राहत दे दी। उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया और एक महीने के भीतर जमानत लेने का निर्देश दिया गया, लेकिन शेष चार आरोपियों को चार-चार साल की सजा काटकर जेल भेज दिया गया।