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किसानों का ऋण, बैक के लिए बना सिर दर्द

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May 12, 2017

महासमुंद। सरकार जीरो प्रतिशत के दर पर किसानों को ऋण उपलब्ध करा रही है, लेकिन वहीं ऋण अब बैंक के लिए सिर दर्द बन चुकी है। इसका ताजा मामसा महासमुंद से सामने आया है। महासमुंद जिले में जिला सहकारी बैंक ने हजारों किसानों को डिफाल्टर घोषित कर दिया है। बैक को जिले के 28 हजार 619 किसानों से 123 करोड़ की वसूली करनी है लेकिन बैंक किसानों से वसूली कर पाने में अपने आपको कमजोर मान रही है। हालांकि इसके पीछे एक बड़ा खेल समिति केन्द्रों के प्रबंधकों का भी है लेकिन विभाग अपनी कमजोरियों को मानने के लिए तैयार नहीं है। आपको बता दें कि सालों से हजारों किसान खेती के नाम पर करोड़ों रूपये का कर्ज सहकारी बैंक से लेते आ रहे हैं।

लेकिन इन्ही किसानों में से हजारों किसान बैंक के ऋण को पटाने के लिए रूचि नहीं दिखा रहे हैं। लिहाजा इस साल बैंक ने 28 हजार 619 किसानों की सूची तैयार की है जिनसे बैंक को 123 करोड़ की राशि की वसूली करनी है, बैंक इन किसानों को डिफाल्टर किसानों के लिस्ट में मान रही है। इन किसानों की सूची अन्य बैंकों में भी चस्पा की जायेगी। किसानों को लगभग सवा अरब की राशि ऋण में बांटने और वसूली नहीं कर पाने के इस मामले में बैंक के समिति प्रबंधकों के क्रियाकलापों पर भी सवाल खड़ा हो रहा है, क्योकि इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आये है जिसमें समिति प्रबंधकों ने गोलमाल कर किसानों को कर्जदार बना दिया। हालांकि अपनी गलती को छिपाते हुए बैंक के आला अधिकारी सफाई देने से पीछे नहीं हट रहे हैं। - नोडल अधिकारी प्रकाश बिबे , जिला सहकारी बैंक महासमुंद