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महानदी का अस्तिव खतरे में

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Jul 8, 2017

रायपुर : छत्तीसगढ़ का प्रयाग कही जाने वाली राजिम नगरी जो रायपुर जिले से महज 45 किलोमीटर की दूरी पर हैं। जो रायपुर, धमतरी और गरियाबंद तीनों जिलो के संगम पर हैं।  इस महानदी का अस्तित्व इन दिनों खतरे में हैं। गौरतलब हैं कि हर वर्ष राजिम कुंभ का आयोजन महानदी के बीच में ही किया जाता हैं और इसके लिये सैकड़ो टन मुरुम डालकर महानदी में अस्थायी सड़क बनाई जाती हैं और मेला समाप्ति के बाद उसे नदी में ही छोड़ दिया जाता हैं। यही नहीं कुंभ के दौरान भारी मात्रा में गन्दगी और कूड़ा कड़क एकत्रित होता हैं। जिसे नदी में ही छोड़ दिया जाता हैं। जिससे नदी का ये हिस्सा उथला और गंदा हो गया हैं।
महानदी में त्रिवेणी संगम के पास ही पुरातत्व विभाग खुदाई कर रहा हैं और पिछले दो वर्षों से खुदाई का मलबा नदी में ही डाला जा रहा हैं। इसके आलावा राजिम और नयापारा नगर की निस्तारी की सारी गंदगी नदी में आ रही हैं। महानदी संगम में उथली हो चली हैं और जब बारिश में नदी अपने उफान पर होती है तो उथली होने की वजह से पानी निचली बस्तियों में भर जाता हैं। आज  हालत ये हैं कि जब नदी में कुंभ मेले की तैयारी के लिये सड़क बनाने का काम शुरु किया गया हैं तो नदी में खुदाई करने पर रेत की जगह मुरुम निकल रही हैं लोग इसे आने वाले दिनों में बड़े खतरे के रूप में देख रहे हैं। जिस त्रिवेणी संगम के लिये राजिम नगरी विख्यात हैं, आज उसी संगम में पानी नहीं हैं। लोगों को अस्थि  विसर्जन जैसी सामाजिक कार्यो के लिये भटकना पड़ रहा हैं। मजबूरी में गंदे और जमे हुये पानी में लोग अस्थि प्रवाहित कर रहे हैं। नदी में जल भराव के लिये एक एनीकेट भी बनाया गया हैं। जिससे लोग निस्तारी कर सके और राजिम नयापारा नगर को पानी दिया जा सके पर आज इस एनीकेट में पानी की जगह मिट्टी ही मिट्टी भारी पड़ी हैं और इस पूरे मामले में प्रशासन चैन की नींद सो रहा हैं। इस मामले पर सियासत भी गरमा चुकी हैं। कांग्रेस ने इसे सरकार की कमजोरी बताते हुये जगण्य पाप की संज्ञा दे डाली हैं। हिंदुत्व का दम भरने वाली भाजपा सरकार के पास इतना समय नहीं हैं कि हिन्दुओं के पावन नगरी राजीम के त्रिवेणी संगम के बारे में सोचे वो तो मेला कराकर घोटाले करने में मशगुल हैं।