Nov 20, 2025
गुफा में छिपा भगवान शिव का चमत्कारी मंदिर: घुटनों के बल चलकर ही मिलते हैं दर्शन
कर्नाटक के घने जंगलों में एक ऐसी रहस्यमयी गुफा है जहाँ सदियों से भगवान शिव स्वयं विराजमान हैं। श्री केशवनाथेश्वर मंदिर नाम का यह प्राचीन शिवालय प्रकृति की गोद में बसा है और यहाँ पहुँचने के लिए न तो सीधी सड़क है और न ही आसान रास्ता। फिर भी हर साल लाखों श्रद्धालु कठिन यात्रा करके यहाँ आते हैं, क्योंकि मान्यता है कि यहाँ दर्शन मात्र से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
दक्षिण भारत का अनमोल प्राचीन रत्न
कुंडापुर से करीब 50 किलोमीटर दूर मुदूर गांव के जंगलों में स्थित यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे पुराने शिव मंदिरों में गिना जाता है। स्थानीय लोग मानते हैं कि स्वयं भगवान शिव यहाँ तपस्या करने आए थे और यहीं लिंग रूप में प्रकट हुए। गुफा के अंदर बने गर्भगृह में शिवलिंग हमेशा जलमग्न रहता है। यह जल किसी झरने से निरंतर आता है और आश्चर्य की बात यह है कि न गर्मी में सूखता है, न बारिश में कभी ऊफान पर आता है। भक्त इसे चमत्कारी जलधारा मानते हैं।
घुटनों के बल जाना पड़ता है गर्भगृह तक
मंदिर तक पहुँचने के लिए भक्तों को जंगल के पगडंडियों से होते हुए गुफा के संकरे मुहाने तक आना पड़ता है। फिर पानी से भरी गुफा के अंदर घुटनों के बल रेंगते हुए आगे बढ़ना पड़ता है। संकरी जगह होने से एक बार में सिर्फ एक व्यक्ति ही जा सकता है। अंदर पहुँचते ही मन में अद्भुत शांति का एहसास होता है।
प्रकृति प्रेमियों का भी पसंदीदा स्थल
गुफा के बाहर छोटा सा प्राकृतिक कुंड है जिसमें रंग-बिरंगी मछलियाँ तैरती हैं। दर्शन के बाद श्रद्धालु मछलियों को दाना खिलाते हैं। पास ही बेलकल तीर्थ के खूबसूरत झरने हैं जो इसे पिकनिक स्पॉट भी बनाते हैं।
यह मंदिर हाल के वर्षों में और प्रसिद्ध हुआ जब दक्षिण भारतीय सुपरस्टार जूनियर एनटीआर ने यहाँ दर्शन किए। प्रकृति और आस्था का अनोखा संगम देखने के लिए यह स्थान जरूर जाएँ।







