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राजस्व भूमि की धड़ल्ले से बिक्री, आरटीआई से मामले का खुलासा

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Jul 27, 2017

गरियाबंद : जिले में सौं एकड़ से ज्यादा सरकारी जमीन पर चपत लगाने का सनसनीखेज मामला सामने आया हैं। आरटीआई के तहत इस पूरे मामले का खुलासा हुआ हैं। मामला जिले के देवभोग विकासखंड से जुड़ा हैं।

आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक विकासखंड में पदस्थ 92 कोटवारों में से 40 कोटवारों ने अपनी 100 एकड़ से ज्यादा सेवा भूमि को बेच दी हैं। रायपुर देवभोग नेशनल हाईवे से लगे गांवों में अधिकांश जमीन की बिक्री हुई हैं। सरकारी जमीन की इस तरह धड़ल्ले से बिक्री होना अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा हैं। कोटवारों को ये जमीन शासन से उनकी सेवा के एवज में परिवार के भरण पोषण के लिए दी गई थी। कोतवारों को इस जमीन पर केवल खेती करने का अधिकार दिया गया था, बेचने का अधिकार नहीं दिया गया। उसके बाद भी जमीन की बिक्री हो गई।

 जबकि सरकारी दस्तावजों में भी ये जमीन राजस्व भूमि के नाम पर दर्ज रहती हैं। जमीन बेच चुके कुछ कोटवारों ने जानकारी नहीं होने के कारण इस तरह के कदम उठाने की बात कही हैं। मगर सबसे बड़ा सवाल यही हैं कि राजस्व विभाग के अधिकारियों ने सरकारी भूमि के नाम से दर्ज जमीन की रजिस्टरी कैसे कर दी। हालांकि इस पूरे प्रकरण में देवभोग एसडीएम ने जानकारी मिलने के बाद कार्यवाई शुरू कर दी हैं और जांच के बाद दोषियों पर कार्यवाही की बात कह रहे हैं।