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रोज होगी एक स्कूल में तालाबंदी, शिक्षा विभाग को मिली चुनौती

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Oct 25, 2017

गरियाबंद : शिक्षकों की कमी से पालक भारी नाराज है। पालकों ने आज गोना मिडिल स्कूल में तालाबंदी कर चाबी मैनपुर बीईओ को सौंप दी है। जब तक शिक्षकों की व्यवस्था नहीं होगी, तब तक स्कूल नहीं खोलने की चेतावनी भी दी है, साथ ही ग्रामीणों ने एक हफ्ते तक रोज एक-एक स्कूल में तालाबंदी कर चाबी बीईओ को सौंपने का ऐलान किया है।

मैनपुर विकासखंड के गोना मिडिल स्कूल में आज पालकों का गुस्सा फूट पड़ा। पालक अपने बच्चों की पढाई का बिगड़ता स्तर देखकर नाराज हो गये। नाराज पालकों ने स्कूल में ताला जड़ दिया और चाबी मैनपुर पहुंचकर बीईओ को सौंप दी। पालकों ने बीईओ को चेतावनी दी कि शिक्षकों की व्यवस्था के बाद ही स्कूल का ताला खोला जायेगा।

पालकों ने बताया कि स्कूल में 60 से ज्यादा बच्चे है, जो पिछले 10 साल से एक ही शिक्षक के भरोसे पढाई कर रहे है। वे लगातार 10 साल से शिक्षक की मांग कर रहे है, मगर हर बार उन्हें आश्वासन देने के बाद ठेंगा दिखा दिया जाता है, लेकिन इस बार उन्होंने शिक्षकों की नियुक्ति के बाद ही ताला खोलने का निर्णय लिया है।

ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षकों की कमी के कारण उनके बच्चों की पढाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। बच्चों के लिए स्कूल केवल मिड-डे-मिल का केन्द्र मात्र बनकर रह गया है। विकासखंड में शिक्षकों की कमी नहीं है, बल्कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जान बूझकर ऐसे हालात पैदा किये गये है।

उन्होंने बताया कि एक ओर जहां स्कूल शिक्षकों की कमी से जुझ रहे है, वहीं दूसरी ओर विकासखंड में 40 अतिशेष शिक्षक है, जिन्हें विभाग के अधिकारियों ने जरूरतमंद स्कूलों में न भेजकर लेनदेन कर अपनी पसंद के स्कूलों में भेज दिया है।

जिसके चलते जरूरतमंद स्कूलों की जरूरतें जस की तस रह गयी। जनप्रतिनिधि और ग्रामीण विभाग के रवैये से भारी नाराज है। जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने अपनी नाराजगी जताते हुए रोज एक-एक स्कूल में तालाबंदी करने का निर्णय लिया।

जनपद सदस्य संजय नेताम ने बताया कि उन्होंने आज गोना में तालाबंदी की है और अब नकबेल, अडगडी, कोकडी, गडाडीह, भाटापानी और छिपरी में भी तालाबंदी की जायेगी। साथ ही जबतक शिक्षकों की व्यवस्था नहीं होगी तब तक इन स्कूलों में तालाबंदी जारी रहेगी।

इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी शिक्षा विभाग के कानों में जूं तक रेंगती नजर नहीं आ रही है, बल्कि अधिकारी सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहे है। एक तरफ सरकार बेहतर शिक्षा का दावा कर ही है, वहीं दूसरी ओर गरियाबंद जिला प्रशासन सरकार के दावों पर पानी फेर रहा है।

ऐसे में न तो सरकार अपने दावों पर खरी उतर पायेगी और न ही जिले के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल पायेगी। जरूरी होगा कि स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाये और बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर शिक्षा उपलब्ध करायी जाये। जब पढ़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया।