Nov 3, 2017
धमतरी : जिले के ग्राम पंचायत देमार में स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाये गए 28 शौचालय को तोड़ने का मामला सामने आया है। इसके साथ ही 4 पीएम आवास को ग्राम पंचायत ने तोड़ा है। गांव में इस तरह की कार्रवाई से लोगों में काफी आक्रोश है। वहीं मकान तोड़ने से चारों हितग्राही बेघर हो गए है। जिसके चलते परिवार खुले आसमान में रात बिताने को मजबूर है।
दरअसल ग्राम पंचायत देमार रुबर्न मिशन से जुड़ा हुआ है। गांव में कई विकास के कार्य हो रहे है, लेकिन विकास के नाम पर ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि जमकर मनमानी कर रहे है। जिसका उदाहरण तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर देखा गया है, जहां तालाब किनारे बने हुए 28 शौचालय और चार पीएम आवास को घास जमीन में बने होने की बात कहते हुए तोड़ दिया गया।
अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब पंचायत को घास जमीन होने की जानकारी थी, तो वहां पर शौचालय बनाने की अनुमति क्यों दिया गया? क्यों शौचालय निर्माण के नाम पर लाखों खर्च किया गया? अब इसकी भरपाई कहा से किया जायेगा? ग्रामीणों ने बताया कि जिस तालाब का सौंदर्यीकरण किया जाना है, उस तालाब में सालों से पानी ही नहीं ठहरता।
अब ऐसे में ग्राम पंचायत के कार्यशैली को लेकर सवाल उठ रहा है। ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष ने सरपंच और उपसरपंच पर मनमानी और सरकारी पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहे है। वहीं उपसरपंच तोड़े गये शौचालय का निर्माण 14वें वित्त मद की राशि से करवाने की दलील दे रहा है। बहरहाल जिला प्रशासन शौचालय तोड़ने से हुए नुकसान की भरपाई सरपंच व उपसरपंच से करने की बात कह रहे है।