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बालोदः एपीएल राशनकार्ड वितरण पूर्ण कर लेने के दावे हुये खोखले साबित

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Oct 11, 2019

राज्य की कांग्रेस सरकार ने सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को सस्ते दर पर राशन देने की योजना बनाई पर वो चल नहीं पाई है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को सांकेतिक तौर पर एपीएल राशनकार्ड वितरण की शुरूआत तो हुई, परन्तु 10 अक्टूबर तक वितरण पूर्ण कर लेने के दावे खोखले साबित होते दिख रहे हैं। जिला योजना समिति के सदस्य और पार्षद नितेश वर्मा ने कांग्रेस सरकार पर सामान्य परिवारों के लिए उदासीन होने का आरोप लगाते हुये बताया कि एपीएल राशनकार्ड के आवेदन के लिए जितनी तत्परता दिखाई गई, उतनी तत्परता अब राशनकार्ड वितरण के लिए नहीं दिखाई जा रही है। यही वजह है कि हितग्राही एपीएल राशनकार्ड के लिए भटक रहें है। निकाय क्षेत्र में हजारों की संख्या में आवेदन के बाद अब उन्हें राशनकार्ड पाने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। सामान्य वर्ग के लोगो को कार्ड कब तक मिलेगा न तो निकाय कार्यालयों में कोई बता पा रहा है और न ही खाद्य विभाग के अधिकारी।

खाद्य विभाग के अधिकारी दे रहे गोलमोल जवाब

एपीएल राशनकार्ड के लिए बालोद जिले की नगरीय निकायो में पांच हजार से अधिक सामान्य वर्ग के लोगों ने आवेदन जमा किया है। सबसे अधिक 2,668 आवेदन दल्लीराजहरा नगरपालिका क्षेत्र के है। बालोद नगरपालिका क्षेत्र में 1,128 आवेदन जमा किए गए है। एपीएल राशनकार्ड वितरण को लेकर खाद्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि रायपुर से आया नहीं है, अभी बात किया हूँ, आएगा तो बनाके देते जाएंगे। 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन वितरण शुरू करने पंचायतों का निकलवाए थे, नगरीय निकाय का भी निकलवाने की कोशिश कर रहे हैं।

फूड इंस्पेक्टर राशनकार्ड बांटे जाने का कर रहे दावा

नवीनीकरण वाले राशनकार्ड वितरण के संबंध में अधिकारी से जानकारी चाही तो अधिकारी का कहना था कि फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि सारे राशनकार्ड बाटें जा चुके है लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है, अभी भी नगरपालिका कार्यालय में राशनकार्ड बांटे जा रहे है। एपीएल राशनकार्ड हो या प्राथमिकता वाले सत्यापित राशनकार्ड में त्रुटियों के समाधान को लेकर फूड इंस्पेक्टर से मोबाइल से संपर्क किया जाता है तो फोन रिसीव नही करते। ऐसे में जनप्रतिनिधियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।