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प्रशासन के पास नहीं है भोजन पकाने के लिए दो बाल्टी पानी, मध्याह्न भोजन की जगह बच्चों को खिलाया जा रहा पोहा

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Nov 27, 2018

रमेश भट्ट - सरकार की मध्याह्न भोजन जैसी महत्वपूर्ण योजना शिक्षकों और भोजन बनाने वाले समूहों की गैरजिम्मेदारी की भेंट चढ़ रही है शिक्षक और समूह इतने लापरवाह हैं कि बच्चों के मध्याह्न भोजन पकाने के लिए दो बाल्टी पानी तक की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक डीकेपी स्कूल में पिछले दो दिनों से बच्चों को मध्याह्न भोजन में पोहा खिलाया जा रहा है इसका कारण स्कूल प्रबंधन और भोजन बनाने वाला समूह यह बता रहा है कि पानी नहीं है, बोर खराब हो गया है।

खबर की सत्यता जानने के लिए मीडिया वहां पहुंचा तो बात सही निकली वहां मध्याह्न भोजन की जगह पोहा बन रहा था पूंछने पर  मध्याह्न भोजन चलाने वाला रानी सागर स्व सहायता समूह ने बताया कि दो दिन से पोहा ही खिलाया जा रहा है। स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में खाना नहीं बनाया जा सकता। स्कूल के प्रधान पाठक पीसी दुबे ने बताया कि स्कूल में दो दिन से पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ नहीं से तो अच्छा है कि कुछ तो मिल रहा है। इस बात की जानकारी प्राचार्या को दे दी है। 

वहीं डीकेपी स्कूल में मध्याह्न भोजन के संचालन में पूर्व में भी इस प्रकार की शिकायत आ चुकी है, लेकिन प्रबंधन इस समस्या को दूर करना ही नहीं चाहता रानी सागर स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष का कहना था कि पानी नहीं है, बोर खराब है तो क्या करें? सर लोग बोले कि पोहा बना दो तो पोहा बना दिए हैं। डीकेपी स्कूल की प्राचार्या अनिता दुबे ने पूछने पर जानकारी से इंकार करते हुए कहा कि मैं तो छुट्टी में थी बच्चों को पोहा खिलाने की मुझे जानकारी नहीं है।