Loading...
अभी-अभी:

ईडाणा माता का रहस्यमयी अग्नि स्नान: आग की लपटें छू जाती हैं आसमान, मूर्ति पर नहीं पड़ता असर!

image

Sep 28, 2025

ईडाणा माता का रहस्यमयी अग्नि स्नान: आग की लपटें छू जाती हैं आसमान, मूर्ति पर नहीं पड़ता असर!

 राजस्थान की अरावली पहाड़ियों में छिपा एक ऐसा रहस्य, जहां आग न केवल जलाती है, बल्कि चमत्कार भी रचती है। उदयपुर से महज 60 किमी दूर बसा ईडाणा माता मंदिर, जहां देवी मां खुले आसमान तले अग्नि स्नान करती हैं। यह कोई काल्पनिक कथा नहीं, बल्कि जीवंत सत्य है जो सदियों से भक्तों को आकर्षित करता आ रहा है। विज्ञान के सारे तर्क यहां ठहर जाते हैं, क्योंकि आग की यह लीला अनसुलझी रहस्य की परतें खोलती है। आइए, इस चमत्कारिक घटना की गहराई में उतरें।

घटना का विवरण

18 मार्च 2025 को, चैत्र नवरात्रि की धूम में ईडाणा माता मंदिर में एक बार फिर रहस्यमयी अग्नि प्रज्ज्वलित हो उठी। सुबह करीब 9 बजे मूर्ति के समीप अचानक आग भड़क उठी, जो धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर 10 से 20 फीट ऊंची लपटें छोड़ने लगी। मंदिर के खुले चौक में रखी चुनरियां, श्रृंगार सामग्री और भोग-प्रसाद सब कुछ पलक झपकते जलकर राख हो गया। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, मां की प्राचीन काले पत्थर की मूर्ति पर एक खरोंच तक नहीं आई। स्थानीय भक्तों के अनुसार, यह आग मां की प्रसन्नता का प्रतीक है, जो महीने में 2-3 बार स्वतः ही ज्वाला बन उठती है। कोई माचिस, कोई ज्वलनसी नहीं—सिर्फ शुद्ध चमत्कार!

रहस्य की परतें

इस अग्नि स्नान का रहस्य आज भी वैज्ञानिकों के होश उड़ा रहा है। मंदिर पर छत क्यों नहीं? क्योंकि हर बार आग इतनी प्रबल होती है कि निर्माण असंभव हो जाता। मान्यता है कि मां ईडाणा, मेवाड़ की महारानी, लकवाग्रस्तों की पीड़ा हरने वाली हैं। यहां झूला चढ़ाने से संतान सुख मिलता है, लेकिन आग कैसे लगती है और बिना किसी प्रयास के बुझ जाती है, इसका उत्तर किसी के पास नहीं। भक्त इसे दैवीय लीला मानते हैं, तो कुछ इसे प्राकृतिक ऊर्जा का चमत्कार कहते हैं। नवरात्रि पर तो मेला सज जाता है, भक्त दूर-दूर से दर्शन को आते हैं। क्या यह आग आस्था की ज्योति है या कोई अनजाना रहस्य? सवाल अनंत हैं, जवाब सिर्फ मां के चरणों में!

 

Report By:
Monika