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व्हाटसएप ग्रुप पर नवयुवकों ने बनाया ब्लड मेडिसिन ग्रुप, जरूरतमंदो को करते हैं रक्तदान

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Jun 14, 2018

रक्तदान महादान की कल्पना को साकार करते नवयुवकों के एक दल में ऐसा जुनून चढ़ा की मजाक ही मजाक में उन्होंने ऐसा कर डाला कि आज लोगों के दिलों दिमाग पर छा गए हैं एक व्हाटसएप ग्रुप के जरिए उन्होंने सैकड़ों लोगों को जोड़ा और आज धीरे धीरे 500 से अधिक लोग इस ग्रुप के सदस्य बन गए हैं और जरूरतमंदों को उन्होंने 3 माह के भीतर 200 से अधिक लोगों को रक्तदान कर उनके जीवन रक्षा की है सिलसिला लगातार जारी है।

रक्तदान जीवनदान है, रक्तदान है महादान, आओ रक्तदान करें, रक्तदान मानव कल्याण, जैसे न-मालूम कितने स्लोगन हैं जो लोगों को खून देने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं पर अभी भी खून देने के प्रति लोगों की जागरूकता का अभाव है लोग स्वस्थ होकर भी खून देने बहुत ही कम सामने आते हैं और इस देश में आसानी से रक्तदाता भी नहीं मिल पाते है।

कई वर्ग के लोग जुड़े ग्रुप से
ऐसे में पेंड्रा के कुछ युवाओं ने कुछ व्हाटसएप ग्रुप तैयार किए और इस ग्रुप में पेंड्रा गौरेला मरवाही और पसान विकासखंडों के लगभग 500 से ज्यादा युवाओं को जोड़ा, लगभग 3 माह पूर्व सिर्फ एक व्हाटसएप ग्रुप से शुरू किया गया यह ग्रुप आज तीन व्हाटसएप ग्रुप से संचालित है, जिसमें शहरी से लेकर ग्रामीण युवा जुड़े हुए हैं इनमें इनमें हिंदू ,मुसलमान, इसाई, सिख सभी वर्ग के लोग हैं । 

व्हाटसएप के जरिए दानदाता ग्रुप में करते हैं इच्छा जाहिर 
ग्रुप में किसी जरूरतमंद को खून देने की सूचना आने के बाद उस रक्त समूह के दानदाता तुरंत व्हाटसएप के जरिए ग्रुप में अपनी इच्छा जाहिर करते हैं जिसके बाद इन युवाओं को उचित स्थान पर पहुंचा कर रक्तदान करा लिया जाता है सबसे अच्छी बात तो यह है कि अधिकाशतः रक्तदाता और जरूरतमंद रक्त देने से पहले एक दूसरे को जानते तक नही है लेकिन रक्तदान के पश्चात् बिना किसी स्वार्थ के की गयी यह जीवनदायनी सहायता दोनों के बीच एक सम्बन्ध का निर्माण भी करती है।

अस्पतालों से संपर्क कर करते हैं रक्तदान 
कई बार तो वह उनके जिले और गांव का भी नहीं होता बावजूद दानदाता स्वस्फूर्त रक्तदान कर रहे हैं इस समूह के कुछ ऐसे युवा भी हैं जो मुस्लिम है और रोजा होने के बावजूद रक्तदान में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं उनका कहना है रक्तदान महादान है और इसे करके अच्छा लगता है वहीं कुछ युवा पहली बार रक्तदान कर रहे हैं तो कुछ को 20 बार से भी ज्यादा हो गया है सभी को सूचना व्हाटसएप ग्रुप के जरिए लगती है और वह सीधे अस्पतालों से संपर्क कर अपना रक्तदान करते हैं।

ब्लड मेडिसिन नाम के ग्रुप से संचालित
लगभग 3 माह पूर्व हॉस्पिटल ब्लड मेडिसिन नाम के एक ग्रुप से शुरू हुआ, यह ग्रुप अब तीन ग्रुप में बढ़ चुका है हर व्हाटसएप ग्रुप में सरकारी और निजी अस्पताल के कुछ ऐसे लोग भी जुड़े हुए हैं जो रक्त की कमी होने पर सीधे इसकी सूचना व्हाटसएप के जरिए समूह में डाल देते हैं जिसमें जरूरतमंद महिला या पुरुष की फोटो और उचित जगह पर है वहां तक पहुंचने की सुविधा के साथ साथ उसके रक्त समूह की भी जानकारी दी जाती है उसके बाद शिक्षित दानदाता तुरंत व्हाटसएप ग्रुप में ही रक्त देने की इच्छा जाहिर करते हैं जिसके बाद उन्हें नियत स्थान पर पहुंचा दिया जाता है और वहां वह अपना रक्तदान करते हैं।

200 से ज्यादा जरूरतमंद लोगों को दिया खून 
इस व्हाटसएप ग्रुप में अब तक 200 से ज्यादा जरूरतमंद लोगों को खून दिया है जिसमें मध्य-प्रदेश और बिलासपुर जिले के कई जरूरतमंद शामिल हैं इसके साथ-साथ यह ग्रुप दवाइयों के लिए कुछ पैसे और ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध करा देता है सब कुछ निशुल्क और निस्वार्थ पर फिर भी अब इन्हें सरकारी मदद की जरूरत है इनका कहना है कि क्षेत्र में ब्लड बैंक उपलब्ध हो ताकि जरूरतमंदों को आसानी से वहीं से ब्लड उपलब्ध कराया जा सके और इच्छुक दानदाता वहां अपना खून जमा करा सकें।
आमतौर पर खून की जरूरत होने पर लोग अपने रिश्तेदार दोस्त भाई-बहनों की ओर ही देखते हैं और इन्हीं से ही खून की व्यवस्था करने की कोशिश की जाती है पर ऐसे लोग जिन्हें यहां से भी खून उपलब्ध ना हो और उन्हें युवा अपने उत्साह के साथ आगे बढ़ कर खून दे वह भी सिर्फ एक व्हाटसएप संदेश के जरिए यह अपने आप में एक क्रांति ही है जरूरत है इस क्रांति को पूरे देश में फैलाने की ताकि ऐसे और समूह बने और जरूरतमंदों को खून उपलब्ध होता रहे। वर्ल्ड ब्लड डोनर डे पर स्वराज परिवार इन सभी रक्तदाता युवाओ को सलाम करता है।