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सरकारी स्कूलों में शिक्षा का बंटाधार, छात्रों से कराई जा रही मजदूरी

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Feb 24, 2019

डब्बू ठाकुर: मामला कोटा विकासखंड के ग्राम पंचायत बहेरामुड़ा के शासकीय प्राथमिक शाला खरखनीखोला का है। बता दें कि सरकार भले ही सरकारी स्कूल के बच्चों को कांवेंट स्कूलों की तर्ज पर सुविधा देने का दम भर रही हो मगर, स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे एक जर्जर दिवार को तुड़वा रहे हैं। ऐसे में खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसे स्कूल में किस तरह शिक्षा का बंटाधार किया जा रहा है।

ऐसे में कैसे पढ़ेंगे बच्चे
कोटा विकासखण्ड के सरकारी स्‍कूलों में शिक्षा की क्‍या हालत है इस बात का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि यहां बच्‍चों के हाथों में कॉपी-किताब,क़लम की जगह सब्बल से दिवार तोड़ना व ईट ढुलाई करते  नजर आ रहे है। बेसिक शिक्षा विभाग ने भले ही स्कूलों की पढ़ाई की जिम्मेदारी वहां पढ़ा रहे टीचरों को दी हो। लेकिन यहां के टीचर ऐसे भी हैं जिन्होंने छात्रों के हाथों में लोहे का अवजार थमा दी।

बच्चों के हाथ में लेबर कुली का काम
छात्रों के साथ किए जा रहे इस तरह के व्यवहार को देखकर जब हमारी टीम स्कूल के अंदर पहुंची तो वहां से टीचर ही गायब थे। जब बच्चों से पूछा गया टीचर कहा है तब बच्चों ने बतलाया कि कुछ काम से गए हैं उसके बाद कुछ देर बाद टीचर स्कूल पहुंचे। जब हमने स्कूल की टीचर से पूछा कि आप बच्चों से काम क्यों करवाया जा रहा हैं ,तो वह मानने को तैयार ही नहीं थे। वह सफाई देने लगे कि मेरे द्वारा नही बोला गया काम करने को ओ अपने मन से कर रहें हैं, खैर वजह जो भी हो लेकिन एक तरफ सरकार सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों रुपए खर्च कर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी लेने वाले की इसकी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं और बच्चों के हाथ में किताबों की जगह सब्बल से ईंट निकलवाने का काम करा रहे हैं।

टीचर के खिलाफ़ होगी कड़ी कार्रवाई 
जब हमनें ये तस्वीरें और वीडियो को  कोटा विकासखण्ड  शिक्षा अधिकारी एम.एल पटेल को दिखाईं तो वह भी हैरान रह गए। उन्होंने इस मामले में स्कूल के टीचर को नोटिस भेजकर जवाब मांगने की बात कही है। उनका कहना है कि जांच के बाद वह इस टीचर के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेंगे, जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।