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जिला पंचायत में दबी कार्यवाही फाईल, कार्यवाही प्रस्तावित होने के बावजूद लाखों का भुगतान

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May 7, 2018

ग्राम पंचायत गागर में हुए लाखों रूपए के भृष्टाचार मामले में भले ही जनपद पंचायत ने सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक को दोषी मानकर मामले में कार्रवाई के लिए जिला पंचायत को प्रतिवेदन भेज दिया है। लेकिन जिला पंचायत में बैठे अधिकारियो ने कार्रवाई की फाईल को दबा रखा है। ऐसे में एक माह बीतने उपरांत भी लाखो रूपए का गबन करने वाले दोषी जनप्रतिनिधि और पंचायत कर्मियों पर कार्रवाई नही हो सकी है। जानकारी के मुताबिक लाखो रूपए के इस गड़बड़झाले में जनपद के अधिकारी, इंजीनियर भी शामिल है, जिस वजह से पूरे मामले को दबाया जा रहा है। जिसे देखकर प्रषासनिक कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे है। इस पूरे मामले में जिला पंचायत सीईओ से बातचीत करना चाहा तो उन्होने फोन भी रिसीव नही किया। 

कार्यवाही प्रस्तावित होने के बावजूद लाखों का भुगतान  
गागर पंचायत में जांच के बाद लाखों रूपए का घोटाला सामने आने के बाद नरसिंहगढ़ जनपद कार्यालय से जिला पंचायत को भेजे गए प्रतिवेदन में सरपंच पर धारा 40, सचिव के निलंबन और रोजगार सहायक पर बर्खास्तगी की कार्रवाई प्रस्तावित की गई थी। लेकिन इस कार्रवाई के बीच भी ग्राम पंचायत में जनभागीदारी मद के कार्यो का लाखो रूपए का भुगतान कर दिया गया। इसका खुलासा तब हुआ जब जिपं द्वारा पंचायत में निर्माण कार्यो की जांच की गई। जबकि कार्रवाई के दौरान पंचायत में भुगतान पर रोक लगनी चाहिए थी। इस मामले में जहां जांच टीम अधिकारी आरईएस विभाग एसडीओ और पंचायत इंजीनियर पुराना मामले होने के चलते भुगतान की बात कह रहे है। फिलहाल पंचायत में हुए भृष्टाचार मामले में इन मूल्यांकनकर्ता अधिकारियो की कार्यप्रणाली की भी जांच होनी चाहिए। 

इन तारीखो में फर्जी तरीके से आहरित की राशि 
गागर पंचायत मे सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक ने वित्त आयोग/पंच परमेश्वर की डीपीआर के विरूद्ध कराते हुए करीब 20 लाख 80 हजार 900 रूपए का आहरण कर गबन किया।

दिनांक             गबन की गई राशि 

16/05/2017        485400

04/07/2017        353800

02/09/2017        250025

02/09/2017        99000

01/10/2017        94500

13/11/2017        382625

28/11/2017        349025

17/01/2018        45000

22/03/2018        370550     

इसके अलावा आंगनवाड़ी भवन निर्माण कराये जाने 200860 रूपए, पानी टंकी निर्माण हेतु 132071 रूपए का बिना निर्माण आहरण कर गबन कर लिया गया। जांच के बाद सबकुछ स्पष्ट होने के बावजूद आज तक दोषीयो पर कार्रवाई नही होना प्रशासनिक अधिकारियो की मिलीभगत को उजागर कर रहा है।